आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करनेवालों के साहस को पीएम मोदी ने किया सलाम
भाजपा ने न्यूमरीन लाइंस स्थित बिरला मातोश्री सभागृह में एक कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें पीएम मोदी लोगों को संबोधित भी करेंगे।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई में उन लोगों से रूबरू होकर आभार व्यक्त करेंगे, जिन्होंने आपातकाल के दौरान यातनाएं झेलीं, लेकिन 'तानाशाही' के आगे अपने घुटने नहीं टेके। लंबे समय तक जेल रहे, लेकिन झुके नहीं। पीएम मोदी मुंबई पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट पर उनका फूलों से स्वागत किया गया।भाजपा ने न्यूमरीन लाइंस स्थित बिरला मातोश्री सभागृह में एक कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें पीएम मोदी लोगों को संबोधित भी करेंगे। इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर आपातकाल में तानाशाह सरकार से लड़ाई लड़ने वाले लोगों के जज्बे को सलाम किया।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं उन सभी महान महिलाओं और पुरुषों के साहस को सलाम करता हूं, जिन्होंने 43 साल पहले लगाए गए आपातकाल का दृढ़ता से विरोध किया था। उनके संघर्षों ने तानाशाही के बावजूद लोगों की शक्ति को बरकरार रखा। भारत आपातकाल को काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है, जिसके दौरान हर संस्थान को तोड़ दिया गया था और डर का माहौल बनाया गया था। न केवल लोगों, बल्कि विचारों और कलात्मक स्वतंत्रता को सत्ता राजनीति के लिए बंधक बना दिया गया था।'
उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'आइए हम हमेशा अपने लोकतांत्रिक आस्था को मजबूत बनाने के लिए काम करते रहें। लेखन, बहस, विचार-विमर्श, प्रश्न हमारे लोकतंत्र के महत्वपूर्ण पहलू हैं, जिन पर हमें गर्व है। कोई भी बल हमारे संविधान के बुनियादी सिद्धांतों को कभी कमजोर नहीं कर सकता है।'
बता दें कि पीएम मोदी का कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शुरू होगा। इसे '1975 आपातकाल: लोकतंत्र की अनिवार्यता- विकास मंत्र- लोकतंत्र' नाम दिया गया है। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार और अन्य लोग शामिल होंगे। पीएम मोदी एशियाई इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) की तीसरी सालाना बैठक का भी शुभारंभ करेंगे।
गौरतलब है कि आज से 43 साल पहले इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था। 25 जून, 1975 को लगा आपातकाल 21 महीनों तक चला। 25 जून और 26 जून की मध्य रात्रि में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर करने के साथ ही देश में पहला आपातकाल लागू हो गया। अगली सुबह पूरे देश ने रेडियो पर इंदिरा गांधी की आवाज में संदेश सुना- भाइयों और बहनों, राष्ट्रपतिजी ने आपातकाल की घोषणा की है। इससे आम लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।