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राफेल सौदाः फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति बोले- भारत के कहने पर ही चुना गया था रिलायंस को पार्टनर

ओलांद का कहना है कि राफेल सौदे के लिए ऑफसेट पार्टनर के रूप में रिलायंस डिफेंस को चुनने के लिए भारत की ओर से कहा गया था।

By Vikas JangraEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 07:59 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 07:20 AM (IST)
राफेल सौदाः फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति बोले- भारत के कहने पर ही चुना गया था रिलायंस को पार्टनर
राफेल सौदाः फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति बोले- भारत के कहने पर ही चुना गया था रिलायंस को पार्टनर

नई दिल्ली [जेएनएन]। राफेल विमान सौदे में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांदे के एक बयान ने भारत की राजनीति में खलबली मचा दी है। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपये के राफेल लड़ाकू विमान सौदे में दासौ एविएशन के लिए रिलायंस डिफेंस को साझीदार के रूप में प्रस्ताव किया था। फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था। ओलांद ने ये बातें फ्रांसीसी न्यूज वेबसाइट को दिए एक इंटरव्यू में कही हैं। गौरतलब है कि जिस वक्त भारत और फ्रांस के बीच राफेल विमान को लेकर सौदा हुआ उस वक्त ओलांद राष्ट्रपति थे। 

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इस सौदे को लेकर भारत सरकार के रुख से भिन्न ओलांद की कथित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान का उल्लेख करते हुए आई रिपोर्ट की जांच की जा रही है। ओलांद ने कहा है कि भारत सरकार ने राफेल में दासौ एविएशन के ऑफसेट पार्टनर के रूप में खास फर्म पर जोर दिया था।' प्रवक्ता ने यह भी कहा कि न तो हमारी सरकार ने और न ही फ्रांस की सरकार ने कामर्शियल फैसले पर कुछ कहा है। 


'हमारे पास कोई विकल्प नहीं था'
फ्रांसीसी भाषा के मीडियापार्ट में आई रिपोर्ट में ओलांद के हवाले से कहा गया है, 'भारत सरकार ने ही इस सर्विस समूह का प्रस्ताव रखा था। दासौ ने अंबानी के साथ समझौता किया था। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, हमने उसे लिया जो हमें दिया गया।' यह पूछे जाने पर कि साझीदार के रूप में रिलायंस का चुनाव किसने और क्यों किया, ओलांद ने कहा, 'हमें इस बारे में कुछ नहीं कहना है। '

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में 10 अप्रैल 2015 को तत्कालीन राष्ट्रपति ओलांद के साथ बातीचत के बाद 36 राफेल जेट खरीदने की घोषणा की थी। इस सौदे पर अंतिम मुहर 23 सितंबर 2016 को लगी थी। 

यह है भारत की ऑफसेट नीति

भारत की ऑफसेट नीति के तहत विदेशी रक्षा उद्यमों के लिए ठेके के कुल वैल्यू का 30 फीसद भारत में खर्च करना अनिवार्य है। पुर्जो की खरीद या अनुसंधान एवं विकास सुविधा स्थापित कर वे यहां खर्च कर सकते हैं।

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, मेरे साझीदार की भूमिका नहीं 
फ्रांसीसी अखबार में छपी रिपोर्ट में ओलांद ने सौदे में अपने साझीदार जूलिए गायेट की भूमिका से इन्कार किया है। पिछले महीने गायेट का नाम इस सौदे में आया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि राफेल सौदे से पहले अंबानी के रिलायंस इंटरटेनमेंट ने गायेट के साथ फिल्म बनाने का समझौता किया था

कांग्रेस ने कहा- झूठ के जाल का पर्दाफाश हुआ
गौरतलब है कि राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कहते हैं कि केंद्र सरकार के कहने पर एचएएल से डील रद कर अनिल अंबानी की कंपनी को दिलवाई गई। फ्रांस्वा ओलांद का बयान भी इसी आरोप को समर्थन करता नजर आ रहा है। ऐसे में भविष्य में कांग्रेस, राफेल के मामले को लेकर और अधिक हमलावर होगी।

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बाद कांग्रेस ने ट्वीट किया और कहा कि सरकार के झूठ का पर्दाफाश हुआ है। साफ है कि भारत ने ही रिलायंस को पार्टनर बनाने के लिए फ्रांस पर दबाव डाला। 


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