सार्क बैठक पर नहीं गलेगी इमरान खान की 'दाल', पाक के लिए तैयार नहीं भारत
बिम्सटेक देशों के प्रमुखों की बैठक इसी महीने के अंत में काठमांडू में होने जा रही है जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पाकिस्तान में नई सरकार के आने बाद दक्षिण एशियाई देशों के आपसी संबंधों पर कितना असर पड़ता है या नहीं पड़ता है यह तो बाद में तय होगा, लेकिन इस वर्ष दक्षिण एशियाई देशों के सहयोग संगठन सार्क की शिखर बैठक को लेकर मंथन जरुर शुरु हो गया है। प्रधानमंत्री का पद संभालने से पहले ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सुप्रीमो इमरान खान यह मंशा जता चुके हैं कि वह इस वर्ष की सार्क शिखर बैठक इस्लामाबाद में ही करवाने की कोशिश करेंगे, लेकिन खान की यह कोशिश परवान चढ़ती नहीं दिख रही है क्योंकि भारत चाहता है कि इसका आयोजन श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हो। भारत चाहता है कि इस बार इसका आयोजन नहीं टले। पिछला 18वां सार्क शिखर बैठक काठमांडू में 2014 में हुआ था।
वर्ष 2016 में नहीं हो पाई थी इस्लामाबाद में प्रस्तावित सार्क बैठक
उसके बाद 19वां सार्क शिखर बैठक पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में नवंबर, 2016 में होनी तय थी। उसके लिए सारी तैयारियां चल रही थी और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उसमें हिस्सा लेने की सहमति जताई थी, लेकिन उसके ठीक पहले जनवरी, 2016 में भारत में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों ने पठानकोट हमला कर दिया था। उसके बाद भारत व पाकिस्तान के रिश्तों में लगातार तल्खी आती गई। और अंतत: सार्क शिखर बैठक से पहले भारत के अलावा बांग्लादेश, अफगानिस्तान समेत अन्य सदस्य देशों ने मौजूदा माहौल में सम्मेलन के औचित्य पर सवाल उठा कर इसका बहिष्कार कर दिया था। इसे पाकिस्तान के लिए एक बड़ा धक्का माना गया था।
सार्क चार्टर के मुताबिक जिस देश में शिखर बैठक होनी है और अगर वह किसी कारण से नहीं हो पाती है तो अगली बैठक उसी देश में करवाये जा सकते हैं। इसी आधार पर पाकिस्तान की तरफ से कोशिश होती है कि सार्क की अगली शिखर बैठक पूर्व निर्धारित स्थल इस्लामाबाद में ही हो।
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया जब पिछले हफ्ते इमरान खान को उनकी पार्टी की जीत पर बधाई देने के लिए मिलने पहुंचे तो खान ने उनसे सार्क बैठक आयोजित करवाने में सहयोग मांगा। माना जाता है कि इमरान खान के प्रस्ताव को नेपाल व मालदीव का समर्थन हासिल हो सकता है, लेकिन बात तभी बनेगी जब अन्य सभी सदस्य देश इसके लिए तैयार हो।
जानकारों का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत सार्क बैठक इस्लामाबाद में करवाने के लिए तैयार नहीं होगा। खास तौर तब जब पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद के मुद्दे पर कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिए गए हैं। नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बना हुआ है।
भारत नवंबर, 2018 में श्रीलंका में सार्क शिखर बैठक के पक्ष में
भारत की मंशा है कि 20वीं सार्क शिखर बैठक का आयोजन इस बार श्रीलंका में हो। वैसे वर्ष 2016 की सार्क बैठक के रद्द होने के बाद से भारत बिम्सटेक (भारत, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, म्यांमार, थाईलैंड व बांग्लादेश की सदस्यता वाले संगठन) को ज्यादा महत्व दे रहा है। बिम्सटेक देशों के प्रमुखों की बैठक इसी महीने के अंत में काठमांडू में होने जा रही है जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे।