भारत और नार्वे ने लिया कारोबारी रिश्ते और बढ़ाने का संकल्प
भारत और नार्वे ने मंगलवार को अपने बढ़ते रिश्तों की विस्तृत समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि इफ्टा के चार सदस्य स्विट्जरलैंड आइसलैंड नार्वे और लिचेंस्टीन हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और वाणिज्यिक तथा आर्थिक संबंध मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और नार्वे ने मंगलवार को अपने बढ़ते रिश्तों की विस्तृत समीक्षा की। दोनों देशों ने व्यापार एवं निवेश संबंध और बढ़ाने का संकल्प लिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके नार्वे के समकक्ष इन एरिकसन सोरदी की सह अध्यक्षता में भारत-नार्वे संयुक्त आयोग की वर्चुअल बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक दोनों देशों ने भारत-इफ्टा (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) व्यापार वार्ता के शीघ्र नतीजे आने की उम्मीद जताई।
उल्लेखनीय है कि इफ्टा के चार सदस्य स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नार्वे और लिचेंस्टीन हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और वाणिज्यिक तथा आíथक संबंध मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। बयान में कहा गया है कि जयशंकर और सोरदी ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा और इसमें महत्वपूर्ण प्रगति पर संतोष जताया। उन्होंने महसूस किया कि जनवरी 2019 में प्रधानमंत्री एरना सोलबर्ग की नई दिल्ली यात्रा ने विस्तृत सहयोग की पृष्ठभूमि तैयार की।
अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफन बीगन (Stephen Biegun) ने सोमवार को कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका का समूह स्वतंत्र और खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए अन्य देशों की खातिर खोला जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इन चारों देशों के समूह को क्वाड नाम से जाना जाता है। चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका क्वाड देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर देता रहा है।
इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बीगन (Stephen Biegun) से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए दोनों देशों का नजरिया समान है। बीगन इसी माह दोनों देशों के बीच होने वाली टू प्लस टू वार्ता (Indo-US 2+2 talks) की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। जयशंकर ने ट्वीट किया, अमेरिकी उप विदेश मंत्री से मिलकर खुशी हुई।