गिलगिट बाल्टिस्तान को खाली करे पाकिस्तान, भारत ने चुनाव कराने के आदेश पर जताई कड़ी आपत्ति
विदेश मंत्रालय ने गिलगिट बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) संबंधित पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई है।
नई दिल्ली, [जयप्रकाश रंजन]। आने वाले दिनों में गिलगिट बाल्टिस्तान को लेकर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और तनाव घुलने के आसार दिखते नजर आ रहे हैं। सोमवार को भारत ने गिलगिट बाल्टिस्तान (Gilgit Baltistan) इलाके में चुनाव कराने के पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बेहद सख्त आपत्ति जताते हुए पाकिस्तान सरकार को डेमार्श (Demarche) जारी किया है। सामान्य भाषा में कहें तो भारत ने पाकिस्तान से अपनी गहरी नाराजगी जाहिर की है। भारत ने पाकिस्तान के सामने दो टूक में स्पष्ट किया है कि गिलगिट-बाल्टिस्तान का क्षेत्र भारत का वैध व अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था का उसको लेकर फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है। भारत ने पाकिस्तान को इसके साथ ही इस इलाके को खाली करने को भी कहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब जम्मू व कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर दोनो देशों के बीच लगातार भीषण गोलीबारी हो रही है। भारतीय जानकार मान रहे हैं कि कोविड-19 से बुरी तरफ से प्रभावित होने के बावजूद जिस तरह से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को भड़काने में लगा है उसके तार गिलगिट बाल्टिस्तान में चुनाव कराने उसकी साजिश से भी जुड़ा है। पाकिस्तान की साजिश यह है कि दुनिया का ध्यान कश्मीर नियंत्रण रेखा पर रही गोलीबारी और आतंकी मुठभेड़ों पर भटका कर गिलगिट बाल्टिस्तान के इलाके में अपनी राजनीतिक साजिश को अंजाम दे। यही वजह है कि सीमा पार से हाल के हफ्तों में लगातार अकारण ही गोलीबारी हो रही है। वैसे भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारी को बुला कर उससे भारतीय पक्ष की नाराजगी से अवगत कराया गया। उन्हें साफ तौर पर बताया गया कि जम्मू कश्मीर का पूरा संभाग, गिलगिट बाल्टिस्तान समेत पूरा लद्दाख का क्षेत्र पूरी तरह से भारत के वैध व अपरिवर्तनीय कदम है। पाकिस्तान ने इसे गैर कानूनी व ताकत के जरिए कब्जा किया है जिस पर वहां की न्यायिक व्यवस्था का कोई हक नहीं है। पाकिस्तान ने अवैध तरीके से भारतीय राज्य जम्मू व कश्मीर के भी एक बड़े हिस्से को कब्जा में किया है। इसे इन सभी इलाकों को जल्द से जल्द खाली करना चाहिए। इस तरह के न्यायिक फैसलों से पाकिस्तान सरकार अपने अवैध कब्जे को नहीं छिपा सकती है। भारत ने यह भी कहा है कि पिछले सात दशकों से इस इलाके के लोगों का पाकिस्तान दमन कर रहा है और उनकी आजादी की मांग को कुचल रहा है। अंत में भारत ने वर्ष 1994 में भारतीय संसद में कश्मीर को लेकर स्वीकृत प्रस्ताव की भी दिलाई है जिसमें समूचे जम्मू व कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया था।
दरअसल, पिछले गुरुवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने वहां की केंद्र सरकार को यह आदेश दिया है कि वह गिलगिट बाल्टिस्तान में आम चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती है और नई सरकार के गठन तक वहां एक अस्थाई सरकार का गठन भी कर सकती है। इस क्षेत्र को पाकिस्तान के पूर्ण राज्य के तौर पर स्थापित करने की कोशिशों को इससे मदद मिलेगा। वर्ष 2018 में ही पाकिस्तान सरकार ने इस बारे में आदेश जारी किया था।