Move to Jagran APP

एचआइवी से लड़ने में भारत हो रहा सफल, संक्रमण के मामलों में आई भारी गिरावट

भारत में 2010 में जहां एचआइवी संक्रमण के नए मामलों की संख्या एक लाख 20 हजार थी, वहीं 2017 में 88 हजार रह गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 06:47 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 06:47 PM (IST)
एचआइवी से लड़ने में भारत हो रहा सफल, संक्रमण के मामलों में आई भारी गिरावट
एचआइवी से लड़ने में भारत हो रहा सफल, संक्रमण के मामलों में आई भारी गिरावट

 संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र : एचआइवी-एड्स उन्मूलन को लेकर भारत के प्रयासों के बेहतर परिणाम आ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2010 से 2017 के बीच भारत में एचआइवी संक्रमण के नए मामलों, एड्स से होने वाली मौतों और एचआइवी संक्रमित लोगों की संख्या में भारी गिरावट आई है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान और फिलीपींस में यह महामारी तेजी से बढ़ रही है।

loksabha election banner

ज्वाइंट यूएन एजेंसी ऑन एड्स (यूएनएड्स) की रिपोर्ट 'माइल्स टू गो' में कहा गया है कि एशिया और प्रशांत महासागर के आसपास स्थित देशों में एचआइवी उन्मूलन कार्यक्रम से लाभ हो रहा है। 2010 से 2017 के बीच भारत, कंबोडिया, म्यांमार, थाइलैंड और वियतनाम में एचआइवी संक्रमण के मामलों में भारी कमी आई है। वैश्विक स्तर पर हालांकि स्थिति अब भी चिंताजनक है। भारत में 2010 में जहां एचआइवी संक्रमण के नए मामलों की संख्या एक लाख 20 हजार थी, वहीं 2017 में 88 हजार रह गई। एड्स के कारण जान गंवाने वालों की संख्या भी एक लाख 60 हजार से घटकर 69 हजार पर आ गई। एचआइवी संक्रमित लोगों की संख्या 23 लाख से घटकर 21 लाख पर पहुंच गई। यह भारत की सामाजिक सुरक्षा नीति के उचित क्रियान्वयन से संभव हो पाया है।

वैश्विक स्तर पर एचआइवी अब भी बड़ा खतरा

यूएनएड्स के मुताबिक पिछले सात सालों में वैश्विक स्तर पर एचआइवी मामलों की वृद्धि दर में मात्र 18 फीसद की गिरावट आई है। 2010 में दुनियाभर में 18 लाख लोग इस बीमारी के वायरस से संक्रमित थे। 2017 में इनकी संख्या 22 लाख थी। महिलाएं अब भी इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यौन कर्मी, समलैंगिक पुरुष, कैदी, शरणार्थी और ट्रांसजेंडर सबसे ज्यादा इससे पीडि़त हैं। एचआइवी उन्मूलन कार्यक्रमों में इन लोगों को नजरअंदाज किया जाता है। जबकि, इस महामारी को खत्म करने के लिए इन लोगों तक पहुंचने की आवश्यकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.