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हाल में हुई हिंसा के बाद कजाखस्तान के हालात पर भारत की नजर, भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर दिए निर्देश

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि भारत कजाखस्तान में हाल के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है। हम हिंसा में मारे गए निर्दोष पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 06:16 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 08:14 AM (IST)
हाल में हुई हिंसा के बाद कजाखस्तान के हालात पर भारत की नजर, भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर दिए निर्देश
भारत कजाखस्तान में हाल के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है। (फाइल फोटो)

 नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि भारत कजाखस्तान में हाल के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है। हम हिंसा में मारे गए निर्दोष पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। कजाखस्तान के एक करीबी और मैत्रीपूर्ण भागीदार के रूप में हम शीघ्र शांति स्थापित होने की आशा करते हैं। अधिकारियों के साथ समन्वय से भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिली है। उन्हें स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करने और किसी भी सहायता के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

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ज्ञात हो कि कजाखस्तान में इस महीने के शुरू से जारी हिंसा में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 164 लोग मारे जा चुके हैं। वहां की हिंसक घटनाओं में करीब 2,200 लोग घायल हुए हैं। इसमें 1,300 सुरक्षाकर्मी भी हिंसा के शिकार हुए हैं। हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे देश के सबसे बड़े शहर अलमाटी में 103 लोग मारे गए हैं। मारे गए लोगों में चार साल की एक बच्ची भी शामिल है। हिंसा में शामिल 5,800 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। देश के सभी प्रमुख स्थलों की सुरक्षा में रूसी और मित्र देशों के सैनिक तैनात हैं। राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव के बुलावे पर रूस के नेतृत्व वाले गठबंधन के 2,500 सैनिक कजाखस्तान आए हैं।

कजाखस्तान सरकार की ओर से साल की शुरुआत में एलपीजी पर मूल्यों का नियंत्रण हटाने के बाद देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इससे पहले एलपीजी के रेट कम होने के कारण बहुत सारे कजाखों ने अपनी कारों को एलपीजी पर चलाने के लिए बदल लिया था। पूर्व सोवियत गणराज्य के सबसे बड़े शहर अल्माटी से सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और ग्रेनेड का इस्तेमाल किया था। इन क्षेत्रों में अधिकारियों ने कर्फ्यू और आंदोलन प्रतिबंधों के साथ आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी।


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