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जेटली ने कहा- अवांछित स्थिति से निपटने को भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार

तुर्की के घटनाक्रम के बाद डालर मजबूत हुआ है और कई उभरती अर्थव्यवस्था की मुद्रा के मूल्य में गिरावट दर्ज की गयी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 08:55 PM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 12:17 AM (IST)
जेटली ने कहा- अवांछित स्थिति से निपटने को भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार
जेटली ने कहा- अवांछित स्थिति से निपटने को भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रुपये में रिकार्ड गिरावट के मद्देनजर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि मुद्रा बाजार में किसी भी अवांछित स्थिति से निपटने के लिए भारत के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। उन्होंने कहा कि सरकार विदेशी मुद्रा बाजार के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रही है।

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जेटली का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही रुपया डालर के मुकाबले 70 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। रुपये के मूल्य में यह उथल-पुथल तुर्की में चिंताजनक आर्थिक स्थिति के बाद आयी है। तुर्की के घटनाक्रम के बाद डालर मजबूत हुआ है और कई उभरती अर्थव्यवस्था की मुद्रा के मूल्य में गिरावट दर्ज की गयी है।

जेटली ने ट्विटर पर कहा कि हाल में तुर्की में हुए घटनाक्रम के बाद उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा में गिरावट आयी है और डालर मजबूत हुआ है। हालांकि देश की आधारभूत आर्थिक सरंचना मजबूत है। वैश्विक मानकों के हिसाब से भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। यह विदेशी मुद्रा बाजार में किसी भी अवांछित स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त है।

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के पास तीन अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह तक 402 अरब डालर की विदेशी मुद्रा का भंडार है। आरबीआइ वैसे तो डालर के मुकाबले रुपये की एक कीमत तय करने का लक्ष्य नहीं रखती लेकिन जब भी विदेशी मुद्रा बाजार में उथल पुथल होती है तब वह विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करता है। चालू वित्त वर्ष में रुपये का मूल्य एक अप्रैल से अब तक डालर के मुकाबले 6.7 प्रतिशत गिर चुका है।

जेटली ने कहा कि विदेशी मुद्रा बाजार में घटनाक्रम पर करीब से नजर रखी जा रही है ताकि अंतरराष्ट्रीय माहौल में जब भी जैसी स्थिति उत्पन्न हो तब उसका सामना किया जा सके।

माना जा रहा है कि जेटली अगले कुछ दिनों में पुन: वित्त मंत्रालय का भार संभाल सकते हैं। वह किडनी प्रत्यारोपण के चलते काफी समय से स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। यही वजह है कि उनका वित्त मंत्रालय तथा कारपोरेट मामलों संबंधी मंत्रालय का कार्यभर अंतरिम रूप से रेल मंत्री पीयूष गोयल को सौंप दिया गया था। 9 अगस्त को राज्य सभा के उपसभापति के चुनाव में मतदान करने के लिए जेटली संसद आए थे। इसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कुछ दिनों में ही वित्त मंत्रालय में लौट सकते हैं।


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