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पाकिस्तान को नहीं मिलेगा भारत के हिस्से का पानी, सरकार ने शुरू की रोकने की प्रक्रिया

भारत सरकार ने सिंधु जल संधि का उल्लंघन किए बिना पाकिस्तान में बहने वाले अतिरिक्त पानी को रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 06:50 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 06:50 PM (IST)
पाकिस्तान को नहीं मिलेगा भारत के हिस्से का पानी, सरकार ने शुरू की रोकने की प्रक्रिया
पाकिस्तान को नहीं मिलेगा भारत के हिस्से का पानी, सरकार ने शुरू की रोकने की प्रक्रिया

मुंबई, पीटीआइ। भारत सरकार ने पाकिस्तान में बहने वाली नदियों के पानी को रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि भारत के हिस्से का पानी काफी मात्रा में पाकिस्तान जाता है। सिंधु जल संधि का उल्लंघन किए बिना हम पाकिस्तान जाने वाले उस पानी को किस तरह डायवर्ट करके उसे अपने किसानों, उद्योगों और लोगों के लिए इस्तेमाल करेंगे।

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान में बहने वाले पानी को रोकने के लिए काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा, 'मैं उस पानी की बात कर रहा हूं, जो पाकिस्तान जा रहा है, और मैं सिंधु संधि को तोड़ने की बात नहीं कर रहा हूं'। मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान में बहने वाले अतिरिक्त पानी को कैसे रोक सकते हैं और कैसे फसका उपयोग कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ जलाशय और नदियां हैं जो इस जल संधि के बाहर हैं। हम उन्हें अलग कर देंगे, जिससे की हम सूखे के मौसम में उस पानी का उपयोग कर सके। मंत्री ने कहा कि हमारे जलाशय भरे हुए हैं, लेकिन हम उस पानी को पाकिस्तान में जाने दे रहे हैं। अब हम इस पानी को रावी की ओर मोड़ सकते हैं।

बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले और बालाकोट में आतंकी कैंप पर जवाबी कर्रवाई के बाद केंद्रीय मंत्री की ये टिप्पणी काफी महत्त्वपूर्ण है। हाल ही में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में कमी आई है। सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू और कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 और 35A को खत्म कर दिया था, जिसके बाद बौखलाए पाकिस्तान भारत में मौजूद अपने राजदूत को वापस बुला लिया था।

क्या है सिंधु जल समझौता

19 सितंबर 1960 को हुए सिंधु घाटी जल समझौते में छह नदियां सिंधु, चिनाब, झेलम, रावी, ब्यास, और सतलुज शामिल हैं। सिंधु घाटी की इन छह नदियों में कुल 168 मिलियन एकड़ पानी है। सिंधु जल समझौते के तहत इसमें से तीन प्रमुख नदियां सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को जाता है। इन तीन नदियों में सिंधु घाटी के कुल पानी का 80 फीसद (लगभग 135 मिलियन एकड़) पानी बहता है। इसके अलावा तीन अन्य नदियों रावी, ब्यास और सतलुज का पानी भारत को मिलता है। इन नदियों में सिंधु घाटी के कुल पानी का 20 फीसद (लगभग 33 मिलियन एकड़) पानी बहता है।

भारत अपने हिस्से की तीन नदियों से मिलने वाले पानी का अधिकतम 95 फीसद हिस्सा ही इस्तेमाल कर पाता है। बचा हुआ लगभग पांच फीसद पानी बहकर पाकिस्तान में चला जाता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भारत के पास इस बचे हुए पानी को रोकने या देश के भीतर ही अन्य नदियों में मोड़ने की कोई व्यवस्था नहीं है।


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