चीन विवाद पर भारत को मिला कई देशों का समर्थन, अतिक्रमण के लिए चीन जिम्मेदार: यूएस
जापान व भारत के बीच रिश्ते लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं। वर्ष 2017 के डोकलाम विवाद के दौरान भी जापान ने खुल कर भारतीय पक्ष का समर्थन किया था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के सैन्य अतिक्रमण के बाद जो हालात बने हैं उसको लेकर दुनिया के तमाम बड़े देश बेहद चिंतित हैं, लेकिन यह भी साफ दिख रहा है कि ये देश इस माहौल के लिए चीन को ही दोषी ठहरा रहे हैं। विदेश सचिव हर्ष वर्द्धन श्रृंगला ने चीन के साथ उपजी स्थिति पर अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी और जापान के भारतीय राजदूतों को ब्रीफिंग दी है और सूत्रों के मुताबिक सभी देश भारत के पक्ष को समझ रहे हैं व सहानुभूति रखते हैं।
जापान को उम्मीद- हालात को वार्ता से सुलझा लिया जाएगा
नई दिल्ली में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी ने जापान का पक्ष यह कहते हुए साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरफ से यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने लिखा है कि विदेश सचिव श्रृंगला के साथ अच्छी बातचीत हुई है। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के हालात पर हमें जानकारी दी है जिसकी हम प्रशंसा करते हैं। उन्होंने हालात को शांतिपूर्ण तरीके से संभालने की भारत की नीति के बारे में भी जानकारी दी। जापान को उम्मीद है कि बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से मामले के सुलझा लिया जाएगा। जापान एकतरफा तरीके से यथास्थिति को बदलने की कोशिश का विरोध करता है।
जापान ने चीन को लेकर भारत के पक्ष का किया समर्थन
जापान ने भारत के पक्ष का समर्थन किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले दो महीनों में कई बार यह बयान दिया है कि चीन ने एकतरफा तरीके से एलएसी की स्थिति बदलने की कोशिश की है। जापान का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि चीन के साथ उसका भी सीमा विवाद चरम पर पहुंच चुका है।
जापान व भारत के बीच रिश्ते लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं
दूसरी तरफ जापान व भारत के बीच रिश्ते लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं। वर्ष 2017 के डोकलाम विवाद के दौरान भी जापान पहला देश था जिसने खुल कर भारतीय पक्ष का समर्थन किया था।
अमेरिका चीन को अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार मान रहा है
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ के अलावा तमाम अमेरिकी राजनीतिज्ञ चीन को अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। फ्रांस की रक्षा मंत्री ने भारतीय रक्षा मंत्री को पत्र लिख कर गलवन में चीन के साथ हुए संघर्ष में मारे गये भारतीय सैनिकों पर दुख का इजहार किया था और रणनीतिक रिश्ते को प्रगाढ़ बनाने के लिए जल्द से जल्द भारत का दौरा करने की बात कही थी।