गिलगिट-बाल्टीस्तान को लेकर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भारत ने जताया ऐतराज
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थिति Pakistan high commission के उप उच्चायुक्त को समन कर बुलाया
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान जिस तरह से भारत से हड़पे हुए कश्मीर के हिस्से के एक बड़े भूभाग को अपना अंदरूनी हिस्सा बनाने में जुटा है उसको लेकर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थिति पाकिस्तान उच्चायोग के उप उच्चायुक्त को समन कर बुलाया और हाल ही में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को लेकर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक फैसले में वहां की केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह गिलगिट और बाल्टीस्तान के लोगों को पूरे अधिकार प्रदान करे। भारत की तरफ से पाकिस्तान को बताया गया है कि यह पूरी तरह से भारत के अंदरुनी हिस्से में हस्तक्षेप है क्योंकि गिलगिट बाल्टीस्तान का पूरा इलाका कश्मीर का हिस्सा है जिसे पाकिस्तान ने जबरन कब्जा जमाया है। इस पर पाकिस्तान सरकार या वहां के किसी न्यायालय का कोई अधिकार है और साथ ही पाकिस्तान सरकार को इस हिस्से को भी खाली करना चाहिए।
भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को इस तरह की कोई हरकत नहीं करना चाहिए कि जिससे गैर कानूनी तरीके से अधिकृत किये गये हिस्से को वैध रूप मिले। साथ ही पाकिस्तान सरकार को वहां के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और वहां के स्थानीय नागरिकों का उत्पीड़न बंद करना चाहिए।
सनद रहे कि पिछले दो वर्षों से पाकिस्तान प्रशासन की तरफ से गिलगिलट बाल्टीस्तान में हस्तक्षेप करने की कोशिशों काफी बढ़ गई है। एक तरह से इस हिस्से को पाकिस्तान के एक पूर्ण दर्जा प्राप्त राज्य के तौर पर चिन्हित करने की कोशिश हो रही है तो दूसरी तरफ वहां पर स्थानीय नागरिकों की तरफ से होने वाले प्रदर्शन आदि को दबाने की भी बेहद हिंसक प्रयास किया जा रहा है।
सनद रहे कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में गिलगिट-बाल्टीस्तान को पाकिस्तान का एक हिस्सा मानते हुए वहां अपने आदेशों के पूरी तरह से लागू होने की भी बात कही है।