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मनमोहन के बयान पर भाजपा का पलटवार- ये वही कांग्रेस जो हमेशा तोड़ती रही सेना का मनोबल

भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा सेना का मनोबल गिराने का काम करती है।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 09:53 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 01:37 PM (IST)
मनमोहन के बयान पर भाजपा का पलटवार- ये वही कांग्रेस जो हमेशा तोड़ती रही सेना का मनोबल
मनमोहन के बयान पर भाजपा का पलटवार- ये वही कांग्रेस जो हमेशा तोड़ती रही सेना का मनोबल

नई दिल्ली, एएनआ/पीटीआइ। भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि यह वही कांग्रेस है जो हमेशा हमारे सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने का काम करती है; भारत को पूरी तरह से प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह का लद्दाख पर बयान केवल शब्दों का खेल है। किसी भी भारतीय को इस तरह के बयान पर विश्वास नहीं होगा। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, नड्डा ने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए चीन की तरफ से 2010 से 2013 के बीच लगभग 600 बार भारतीय सीमाओं का अतिक्रमण किया गया। मनमोहन उसी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं,जिसने असहाय स्थिति में 43 हजार वर्ग किलोमीटर की जमीन चीन को आत्मसमर्पण कर दी थी।

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गौरतलब है कि मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को उनके बायन को लेकर नसीहत दी थी। साथ ही उन्होंने सरकार को साथ आने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हिंसक झड़प में बलिदान देने वाले जवानों को न्याय दिलाने की मांग की थी। पिछले दिनों गलवन में भारत और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस भिड़ंत में 20 भारतीय सैनिकों ने अप्रतिम बहादुरी का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था।

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, मनमोहन सिंह ने कहा, ' हम प्रधानमंत्री और सरकार से आह्वान करते हैं कि वे इस मौके पर साथ आएं और कर्नल संतोष बाबू और हमारे जवानों के बलिदान के लिए न्याय सुनिश्चित करें। इन्होंने हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। इससे कुछ भी कम करना लोगों के विश्वास के साथ ऐतिहासिक विश्वासघात होगा।'

बलिदान  व्यर्थ नहीं जाना चाहिए

पूर्व पीएम ने अपने बयान में कहा कि 15-16 जून को लद्दाख के गलवन वैली में भारत के 20 साहसी जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। इन बहादुर सैनिकों ने साहस का के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश के इन सपूतों ने अपनी अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं, लेकिन उनका यह बलिदान  व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। 

सरकार के कदम तय करेंगे कि भविष्य का आकलन

मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारा सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करेंगी, जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है। 

पूरे राष्ट्र को एकजुट होने का समय

मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवन वैली व पैंगोंग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन धुसपैठ की है। हम न तो उनकी धमकियों व दबाव में झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से को समझौता स्वीकार करेंगे। प्रधानमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें। यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और इस दुस्साहस का जवाब देना है। 

कूटनीति और मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता भ्रामक प्रचार

मनमोहन ने यह भी कहा कि हम सरकार को आग्रह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति और मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता। प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से आग्रह है कि वो वक्त की चुनौतियों का सामना करें और कर्नल बी. संतोष बाबू व हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा व भूभागीय अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा। 


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