सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेंगे भारत व चीन
सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेंगे भारत व चीन सुषमा स्वराज की चीन के विदेश मंत्री के साथ दो घंटे हुई वार्ता।
नई दिल्ली, जेएनएन। अप्रैल, 2018 में चीन के शहर वुहान में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई एतिहासिक अनौपचारिक मुलाकात में द्विपक्षीय रिश्तों को नये आयाम देने को लेकर जो फैसला किया गया था उसके अमल में दोनो देशों की सरकारें जुट गई है। इस संदर्भ में शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनकी समकक्ष वांग यी के बीच काफी अहम बातचीत हुई। वैसे स्वराज और यी के बीच पिछले साढ़े चार वर्षो में जितनी मुलाकातें हुई हैं उतनी दफे मुलाकात इनकी किसी दूसरे देश के विदेश मंत्री से नहीं हुई होगी, इसके बावजूद शुक्रवार की मुलाकात काफी महत्वपूर्ण है।
यह मुलाकात दो घंटे चली और इसके सिर्फ दो ही एजेंडे रहे। दोनो देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाना और आवामों के बीच आपसी समझ बूझ को बढ़ाना। दोनो देशों के मीडिया के फोरम की तीसरी बैठक को संबोधित करने के लिए विदेश मंत्री स्वराज ने वांग यी को जब 'मेरे भाई' कह कर संबोधित किया तो उससे साफ हो गया कि किस तरह से रिश्तों में घुले तनाव को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।
दोनो देशों की तरफ से आपसी व सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए 10 आयामों की घोषणा की गई है। इसमें फिल्म व टेलीविजन से लेकर खेल व योगा तक और पर्यटन से लेकर दोनो देशों के शहरों के बीच रिश्ते कायम करने तक के विषय शामिल है। स्वराज ने कहा कि, जब तक लोगों की समझ नहीं बढ़ेगी तब तक आपसी रिश्ते भी मजबूत नहीं होंगे।
चीन के विदेश मंत्री यी ने स्वराज के साथ अपनी मुलाकात को बेहद सफल बताते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते भी ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच चुके हैं। सनद रहे कि वुहान में मोदी और चिनफिंग के बीच हुई मुलाकात ने रिश्ते में तनाव को खत्म करने में काफी अहम भूमिका निभाई है। उसके बाद इन दोनो नेताओं की दो बार और मुलाकात हो चुकी है। अन्य सभी स्तर पर भी मुलाकातों का दौर लगातार चल रहा है। द्विपक्षीय रिश्तों की दो हफ्ते पहले ही विदेश सचिव विजय गोखले और चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुवायू के बीच हुई मुलाकात में समीक्षा की गई थी। उसके पहले दोनो देशों के बीच एनएसए स्तर पर भी रिश्तों की समीक्षा की गई थी।