रूस से S-400 एंटी मिसाइल सिस्टम खरीदने की तैयारी में भारत, बढ़ेंगी पाक- चीन की मुश्किलें
रक्षा मंत्री अगले कुछ हफ्तों में मॉस्को दौरे पर जा सकती हैं और ऐसे में भारत इस कोशिश में है कि इस डील को मंजूरी मिल जाए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के रूस दौरे पर भारत 39 हजार करोड़ की S-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील फाइनल कर सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो भारत को ना सिर्फ जमीन बल्कि आसमान में भी अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने की ताकत मिल जाएगी। रक्षा मंत्री अगले कुछ हफ्तों में मॉस्को दौरे पर जा सकती हैं और ऐसे में भारत इस कोशिश में है कि इस डील को मंजूरी मिल जाए।
एस-400 ट्रियंफ एंटी मिसाइल सिस्टम की यह डील पूरी होने के बाद भारत को एक ऐसा कवच मिल जाएगा जो किसी भी मिसाइल हमले को नाकाम कर सकता है। इस सिस्टम के भारत में आने से पाकिस्तान के न्यूक्लियर हमले का भी करार जवाब दिया जा सकेगा।
एस-400 की ताकत की बात करें तो इसमें लगा डिफेंस सिस्टम देश के दुश्मनों के जासूसी विमानों, मिसाइलों और ड्रोनों की पहचान कर उन्हें 400 किलोमीटर के दायरे में मार गिराने में सक्षम है। इसके अलावा ये सिस्टम एक साथ अपने 26 लक्ष्यों को भी भेद सकता है। इसके अलावा इसमें अलग-अलग क्षमता वाली तीन मिसाइलें हैं जिनमें सुपरसोनिक, हाइपरसोनिक स्पीड वाली भी हैं। यह मिसाइले पलक झपकते ही किसी भी मिसाइल को मार गिरा सकती है।
दरअसल, बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी और चीन की सीनाजोरी का जवाब देने के चलते इस डील को काफी अहम माना जा रहा है। यह सिस्टम पाकिस्तान की कम दूरी वाली परमाणु मिसाइल को ध्वस्त करने में भी सक्षम है। मिली जानकारी के मुताबिक रुस से ये डील 2018-19 में फाइनल की जा सकती है और अगर ऐसा होता है तो डील फाइल होने के 54 महीनों के अंदर ये डिफेंस सिस्टम भारत को मिल जाएगा।
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