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पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह ने थामा भाजपा का दामन, हरदीप सिंह पुरी ने दिलाई सदस्यता

पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पुरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 01:55 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 02:20 PM (IST)
पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह ने थामा भाजपा का दामन, हरदीप सिंह पुरी ने दिलाई सदस्यता
पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते सरदार इंद्रजीत सिंह भाजपा में शामिल

नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा का दामन थामा। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पुरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।

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पांच राज्यों में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव

बता दें कि इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपने आप को मजबूत करने की पूरी कोशिश में लगी हुई हैं। ऐसे में दूसरी पार्टी के बड़े चेहरों, जानी-पहचानी हस्तियों को अपनी तरफ मिलाने की खबरें भी लगातार आ रही है।

भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस पर जमकर बरसे इंद्रजीत सिंह

कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा में शामिल होते ही इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इतने सालों तक कांग्रेस के लिए कार्य करने के बाद भी उनके दादा ज्ञानी जैल सिंह को वह सम्मान नहीं मिला, जिसे वह हकदार थे।

भाजपा ने पहले ही दिए थे संकेत

बता दें कि भाजपा के तरफ से बताया गया था कि आज कोई प्रख्यात शख्सियत उनकी पार्टी का दामन थामने वाला है। बता दें कि अगले साल पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होंगे। ये राज्य -उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर है।

उत्तराखंड विधायक राजकुमार भी भाजपा में हुए थे शामिल, कांग्रेस को मिला था झटका

इससे पहले उत्तराखंड में पुरोला से विधायक राजकुमार भाजपा में शामिल हुए थे। इनसे पहले उक्रांद नेता व धनौल्टी विधायक प्रीतम पंवार भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। राजकुमार 2007 में सहसपुर सीट से भाजपा के ही टिकट पर विधायक बने थे। इसके बाद साल 2012 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में राजकुमार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। अब वह कांग्रेस का दामन छोड़ कर भाजपा में फिर से शामिल हुए हैं।


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