गैर यूरिया खादों की सब्सिडी में बढ़ोतरी, पोषक तत्वों वाली खादों के प्रयोग को प्रोत्साहन दे रही सरकार
केंद्रीय प्रर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नाइट्रोजन वाली खाद में दी गई सब्सिडी 18.90 रुपये प्रति किलो जबकि फॉस्फोरस वाली खाद पर 15.11 रुपये प्रति किलो होगी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने गैर-यूरिया खादों की कीमतों में स्थिरता के लिए सब्सिडी बढ़ा दी है। इससे सरकारी खजाने पर कुल 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ेगा। पोषक तत्वों से भरपूर खाद की उपलब्धता रियायती दरों पर सुनिश्चित करने, कृषि की लागत घटाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से सरकार ने यह कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति में यह फैसला बुधवार को लिया गया। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने बताया कि बैठक में चालू वित्त वर्ष में फॉस्फेट और पोटाश वाली खादों के मूल्य तय किए गए। सरकार के इस फैसले से चालू वित्त वर्ष में खजाने पर कुल 22,875 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि नाइट्रोजन वाली खाद में दी गई सब्सिडी 18.90 रुपये प्रति किलो, जबकि फॉस्फोरस वाली खाद पर 15.11 रुपये प्रति किलो होगी। पोटाश पर 11.12 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दी गई है। सल्फर खाद पर 3.56 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी निर्धारित की गई है। सरकार के इस कदम से किसानों को संतुलित खाद का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
वर्ष 2010 में सरकार ने पोषक तत्वों वाली खादों पर सब्सिडी देने का कार्यक्रम तैयार किया गया, जिसके लिए निश्चित धनराशि तय की गई थी। इसमें यूरिया को छोड़कर बाकी खादों पर सब्सिडी दी गई थी।
गैर यूरिया खाद में डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), म्यूरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) और नाइट्रोजन फॉस्फोरस पोटाश (एनपीके) मूल्य नियंत्रण से बाहर हैं। इन खादों के लिए केंद्र सरकार एक निश्चित सब्सिडी का प्रावधान करती है। सरकार इसके लिए साल एक निश्चित सब्सिडी धनराशि तय कर देती है, ताकि इन खादों के मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि नहीं हो।
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