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अंतरिम बजट में तेलंगाना की तर्ज पर किसानों को नया पैकेज दे सकती है मोदी सरकार

Farmers के लिए संभावित वित्तीय पैकेज पर वित्त मंत्री Arun Jaitley ने एक अहम संकेत दे दिया है कि इस बारे में आगामी अंतरिम बजट में घोषणा की जा सकती है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 10:24 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 07:22 AM (IST)
अंतरिम बजट में तेलंगाना की तर्ज पर किसानों को नया पैकेज दे सकती है मोदी सरकार
अंतरिम बजट में तेलंगाना की तर्ज पर किसानों को नया पैकेज दे सकती है मोदी सरकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसानों के लिए संभावित वित्तीय पैकेज पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अहम संकेत दे दिया है कि इस बारे में आगामी अंतरिम बजट में घोषणा की जा सकती है। जानकारों के मुताबिक अभी तक किसानों को राहत देने के लिए जिन विकल्पों पर सरकार के भीतर उच्च स्तर पर विचार मंथन चल रहा है उसमें तेलंगाना राज्य में दिए जा रहे पैकेज के आधार पर ही एक नये पैकेज की घोषणा करने का विकल्प सबसे मजबूत है।

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इस संदर्भ में अंतरिम बजट में हर लाभार्थी किसानों के खाते में सीधे 10 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष जमा कराने की मंशा सरकार जता सकती है। अगर भाजपा सत्ता में दोबारा आती है तो जुलाई, 2019 में पेश होने वाले पूर्ण बजट में इसके अमल का मसौदा पेश किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने एक टीवी चैनल के अवार्ड पुरस्कार में यह कहा था कि किसानों को मदद की दरकार है और अगर सरकार की मंशा उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें मदद देने के लिए है तो इस भावना को बाजार भी समझेगा।

वित्त मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि सरकार इस तरह का ऐलान आगामी अंतरिम बजट में भी कर सकती है क्योंकि उन्होंने कहा कि, ''इस तरह के कदम पहले भी उठाये गये हैं और अभी तक जिस तरह का प्रचलन है हम उसी दायरे में घोषणा करेंगे।''

जानकारों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय के भीतर और सरकार के तमाम विभागों के बीच भी किसानों को वित्तीय मदद देने के कुछ उपायों पर विमर्श किया जा रहा है। विस्तार से विचार-विमर्श के बाद किसानों के कर्ज को पूरी तरह से माफ करने के विकल्प को एक तरह से खारिज किया जा चुका है।

यही वजह है कि हाल के दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर कांग्रेस की कर्ज माफी वादे पर जम कर हल्ला भी बोला है। सनद रहे कि कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी यह बोल चुके हैं कि उनकी पार्टी अगर सत्ता में वापस आती है तो किसानों के कर्ज को माफ कर देगी। इससे इस मुद्दे का पूरी तरह से राजनीतिकरण हो चुका है।

जानकारों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने पूर्व में ही सरकारी क्षेत्र के बैंकों के साथ किसानों को दिए गए कर्ज की स्थिति पर चर्चा कर ली है। बैंकों को 30 नवंबर, 2018 तक तक के सभी कृषि कर्ज के आंकड़े को तैयार रखने को कहा गया है। इसी तरह से अभी तेलंगाना के तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय पैकेज लागू करने की घोषणा का आकलन किया जा रहा है।

सरकार का अपना आकलन है कि हर छोटे व सीमांत किसान को अगर प्रति एकड़ 10 हजार रुपये का पैकेज दिया जाए तो मौजूदा राजकोषीय घाटे का स्तर 0.72 फीसद बढ़ सकता है। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटे का स्तर 3.3 फीसद तय किया था लेकिन इसके 3.5 फीसद के करीब जाने का अनुमान है। ऐसे में अगर सरकार के राजस्व में बहुत इजाफा नहीं हुआ तो राजकोषीय घाटे में 0.72 फीसद का इजाफा संभालना आसान नहीं होगा।


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