इमरान की मुश्किलें नहीं हो रहीं कम, पाक को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की पैरवी करेगा ऑस्ट्रेलिया
पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के लिए फिर से समीक्षा करने की भी मांग करेगा। यह जानकारी ऑस्ट्रेलिया के भारत में दूत हरिंदर सिद्धू ने दी है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। एफएटीएफ में पाकिस्तान की मुश्किलें कम होती नहीं लग रहीं। सक्रिय भूमिका में आए ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वह पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने के प्रस्ताव का समर्थन करेगा। वह पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के लिए फिर से समीक्षा करने की भी मांग करेगा। यह जानकारी ऑस्ट्रेलिया की भारत में दूत हरिंदर सिद्धू ने दी है।
एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था
आतंकी और आपराधिक संगठनों के अर्थतंत्र पर नजर रखने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था। उसे आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराने वाले तंत्र के समर्थन का दोषी पाया गया था। एफएटीएफ के दबाव के चलते पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कुछ कदम उठाए, लेकिन उनसे वह एफएटीएफ के सदस्य देशों को संतुष्ट नहीं कर सका।
आगामी बैठक में पाक ग्रे लिस्ट से बाहर आने की कोशिश में लगा
नतीजतन, पाकिस्तान करीब दो साल से ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। इसके चलते उसे विदेशी संस्थाओं से कर्ज मिलने और विदेशी निवेश पाने में मुश्किलें आ रही हैं। पाकिस्तान पेशबंदी कर हाल के महीनों में ब्लैक लिस्ट में जाने से बच चुका है, लेकिन आगामी बैठक में वह ग्रे लिस्ट से भी बाहर आने की कोशिश में लगा है।
ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक ने कहा- भारत हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता पर
नई दिल्ली में पत्रकारों से वार्ता में ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक ने कहा, जब हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बात करते हैं तो निश्चित रूप से भारत हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता पर होता है। मजबूत लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत सभी को आकर्षित करता है। ऐसे में उसके सहयोग की हमारी जिम्मेदारी बनती है।
ऑस्ट्रेलिया ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ हूं
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ हैं। इसलिए पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बनाए रखने का समर्थन किया जाएगा ताकि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ वास्तविक कार्रवाई करे।
ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक ने कहा- सीएए भारत का अंदरूनी मामला
भारत में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून पर पूछे गए सवाल के जवाब में सिद्धू ने कहा, यह भारत का अंदरूनी मामला है। किसी अन्य देश के राजनयिक के लिए उस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।