भारत और जर्मनी के बीच कोरोना वैक्सीन से लेकर द्विपक्षीय रिश्तों पर हुई अहम चर्चा
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास से बात की है।
नई दिल्ली, एएनआइ। एस जयशंकर ने जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास से बात की। दोनों ही शीर्ष नेताओं के बीच कोरोना और उसकी वैक्सीन को लेकर सहयोग, द्विपक्षीय रिश्तों, एशिया-यूरोप की स्थिति पर चर्चा हुई। इसके साथ ही जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि 'हमारी संयुक्त राष्ट्र में शामिल बहुपक्षीय साझेदारी की पुष्टि की।'
महामारी के दौरान दोनों ही देश आपस में मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ने की योजना बना रहे हैं। बता दें कि दो दिन पहले ही जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने कहा था कि यह महत्वपूर्ण है कि कोरोना के लिए टीका तैयार होने पर यह दुनिया में हर किसी के लिए उपलब्ध होना चाहिए। दुनिया को और साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। इसके साथ ही मास ने कहा था जरूरत है कि कोरोना वैक्सीन जल्द उपलब्ध हो और सभी लोगों तक इसे पहुंचाना होगा, ना कि केवल उन लोगों को जो इसका खर्च उठा सकते हैं ।
मालूम हो कि कोरोना महामारी से विश्व के अधिकतर देश जूझ रहे हैं। ज्यादातर देशों में कोरोना वैक्सीन बनाए जाने पर काम चल रहा है। वहीं, रूस ने कोरोना की वैक्सीन बनाए जाने का एलान भी कर दिया है और इसे जल्द ही अपलब्ध कराए जाने की बात भी कही है।
रूस ने कई चरणों में किया कोरोना वैक्सीन का ट्रायल
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस में इस वैक्सीन के लिए मानव परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) का पहला चरण 18 जून को शुरू हुआ था। 38 वॉलंटियर्स को यह टीका लगाया गया था। 13 जुलाई को दूसरे चरण का मानव परीक्षण शुरू हुआ। फिर 3 अगस्त को इन सभी लोगों की जांच की गई और सभी में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत पाई गई। इनमें से पहले समूह को अस्पताल से 15 जुलाई और दूसरे समूह को 20 जुलाई को डिस्चार्ज किया गया था। दिमित्रीव के मुताबिक इस वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और अन्य देशों में किया जाएगा।