देश के सामने बड़ी समस्या, बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों ने मिजोरम में बसाए 16 गांव
जोराम पीपुल्स मूवमेंट के नेता सी लालसवीवुंगा के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि नौ ऐसे गांव भी हैं जो बिना किसी दस्तावेज के राज्य में घुसे अवैध प्रवासियों द्वारा बसाए गए हैं।
आइजोल, प्रेट्र। बांग्लादेश से आए घुसपैठियों ने मिजोरम के दक्षिणी इलाके में स्थित लुंगलेई जिले में 16 गांव बसा लिए हैं। स्थानीय प्रशासनिक मंत्री के लालरिनलियाना ने शुक्रवार को विधानसभा में इसकी जानकारी दी। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी जोराम पीपुल्स मूवमेंट के नेता सी लालसवीवुंगा के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि नौ ऐसे गांव भी हैं जो बिना किसी दस्तावेज के राज्य में घुसे अवैध प्रवासियों द्वारा बसाए गए हैं।'
इनमें से चार गांव आइजोल जिले में बसाए गए हैं जबकि तीन गांव म्यांमार की सीमा से लगे चंपई में और दो त्रिपुरा की सीमा से लगे ममित में बसे हैं। इन गांवों में बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ म्यांमार से आए अवैध प्रवासी भी रह रहे हैं। इसके अलावा यहां मणिपुर और त्रिपुरा के लोग भी रह रहे हैं। सीमाई इलाकों का सर्वेक्षण कर चुके अधिकारियों व छात्र नेताओं का दावा है कि बांग्लादेश से आए ये घुसपैठिए चकमा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
बता दें कि असम, पश्चिम बंगाल व पूर्वोत्तर के राज्यों में घुसे बांग्लादेशी देश के सामने बड़ी समस्या बन गए हैं। 2007 में केंद्र सरकार द्वारा दी जानकारी के अनुसार उस वक्त देश में दो करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे थे। अनुमान है कि वर्तमान में इनकी संख्या तीन करोड़ तक पहुंच गई है। इन अवैध नागरिकों को चिन्हित करने के लिए असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन) में नाम दर्ज किया जा रहा है। कई पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं।