सीएम मनाेहरलाल बोले- केंद्र इशारा करे तो लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव संभव
जींद सीट के उपचुनाव से उत्साहित हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा है कि केंद्र सरकार इशारा दे तो लोकसभा चुनाव के साथ ही राज्य में विधानसभा चुनाव भी कराए जा सकते हैं।
चंडीगढ़। कांग्रेस और इनेलो का गढ़ रहे जींद को भेदने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा अब लंबी पारी खेलने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल हालांकि अब तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव अपने निर्धारित समय पर होने की बात करते रहे हैं, लेकिन जींद उपचुनाव में जीत से उत्साहित होकर उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार निर्देश देगी तो लोकसभा के साथ राज्य में विधानसभा चुनाव भी कराए जा सकते हैं।
जींद के रण में भाजपा की जीत से उत्साहित मुख्यमंत्री मनोहर लाल से खास बातचीत
मुख्यमंत्री के इस इशारे के बाद माना जा रहा है कि पांच नगर निगमों और जींद के रण में बनी हवा का फायदा लेने से भाजपा नहीं चूकेगी। जींद के नतीजों पर दैनिक जागरण के हरियाणा स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात की। पेश है प्रमुख अंश।
० जींद के चुनाव को जाट और गैर जाट का चुनाव कहा जा सकता है? भाजपा की जीत के क्या कारण रहे?
- दूसरे राजनीतिक दलों ने इस चुनाव को जातिवाद की तरफ धकेलने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन जनता ने सरकार के अब तक के कार्यों, केंद्र सरकार की नीतियों तथा सरकार की पारदर्शी व भ्रष्टाचार रहित नीतियों पर अपनी मुहर लगाई है। हमने 'हरियाणा एक-हरियाणवी एक' की राजनीति की। पूरे प्रदेश में समान पारदर्शी ढंग से नौकरियां लगीं। अब हम सभी 10 लोकसभा सीटें भी जीतेंगे।
जींद उपचुनाव में जीत के बाद अपने मंत्रियों और भाजपा नेताओं के साथ।
० जींद का रण जीतने के बाद क्या यह मान लिया जाए कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ संभव हैं?
- हमें अभी तक नहीं लगता कि एक साथ चुनाव होंगे। लोकसभा के चुनाव अप्रैल-मई और विधानसभा के अक्टूबर में प्रस्तावित हैं। अगर केंद्र सरकार की तरफ से कोई निर्देश, विषय अथवा सलाह आती है तो एक साथ चुनाव कराने पर विचार किया जा सकता है। इतना तय है कि इन चुनाव नतीजों का भविष्य में होने वाले चुनावों पर असर जरूर पड़ेगा।
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० जींद में भाजपा ने पहली बार कमल खिलाया, गांवों से भी वोट मिला, इसके पीछे कोई खास कारण?
- हम इसके लिए ग्रामीण जनता के भी आभारी हैं कि उन्होंने हम पर भरोसा किया। कुछ स्थानों पर अभी लोगों का भरोसा जीतना बाकी है। हम यह पूरे गर्व के साथ कह सकते हैं कि दक्षिण व उत्तर हरियाणा के बाद मध्य हरियाणा में भी भाजपा मजबूत होकर उभरी है।
जींद उपचुनाव में जीत के बाद अपने मंत्रियों और भाजपा नेताओं के साथ।
० जींद चुनाव में नए राजनीतिक गठजोड़ देखने को मिले, जेजेपी और आप तथा इनेलो-बसपा के गठबंधन की राजनीति को कैसे देखते हैं?
- भाजपा हरियाणा में गठबंधन की राजनीति से 2014 में ही तौबा कर चुकी है। प्रदेश के लोग गठबंधन की राजनीति को पूरी तरह से नकार चुके हैं। आम आदमी पार्टी के नेता तो अब रैलियां छोड़कर भागने लगे हैं। गांवों व शहरों में भाजपा समान रूप से आगे बढ़ रही है।
० आपकी पार्टी के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी ने भी लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी बनाई। जींद उपचुनाव में उनके उम्मीदवार ने करीब 13 हजार वोट हासिल किए, इस पर क्या कहेंगे?
- किसी पार्टी के चौथे स्थान पर आने का कोई मतलब नहीं होता। यानी लोगों ने उन्हें नकार दिया है। उन्हें पहले चुनाव में ही आइना नजर आ जाएगा। भाजपा के लिए राजकुमार सैनी किसी तरह के खतरे की घंटी नहीं हैं।
० कांग्रेस व जेजेपी नेता ईवीएम में गड़बड़ी होने के आरोप लगा रहे हैं। कहते हैं कि मशीनों के नंबरों में कहीं न कहीं अंतर देखा गया?
- जनता के बीच जाने के लिए इन नेताओं को कोई तो बात चाहिए। उनके पास कोई बात नहीं है। इसलिए ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं। क्या ऐसा कभी संभव है।
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० जींद जीतने के बाद प्रदेश व जींद के लोगों को क्या तोहफा देने जा रहे हैं?
- बजट सत्र शुरू होने वाला है। इसकी तारीख कैबिनेट की बैठक में चार फरवरी को तय हो जाएगी। आचार संहिता लगने से पहले हम किसानों को पेंशन देने की योजना शुरू करेंगे। इतना ही नहीं, और भी कई लाभ प्रदेश के लोगों को देंगे। रही जींद के विकास की बात, वहां विकास भाजपा ने ही कराया है, जो आगे भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री से बातचीत के खास बिंदु
- लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर असर डालेंगे जींद उपचुनाव के नतीजे।
- भाजपा को शहरों के साथ गांवों के मतदाताओं ने भी स्वीकार किया।
- गठबंधन की राजनीति और राजकुमार सैनी दोनों को नकार चुकी जनता।
- कांग्रेस व जेजेपी के इवीएम में गड़बड़ी के आरोप हताशा का नतीजा।
- आचार संहिता लगने से पहले किसान पेंशन, बजट सत्र में कई घोषणाएं।