Parliament Session 2019 : ...जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- मैं ‘पढ़ा-लिखा’ स्पीकर हूं
संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल के तुरंत बाद शून्यकाल की अवधि होती है। इसका समय 12 बजे से लेकर 1 बजे तक होता है।
नई दिल्ली, एएनआइ। आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद भगवंत मान ने गुरुवार को शून्य काल के दौरान विषय को बदल दिया तब सदन के अध्यक्ष ओम बिरला को बोलना पड़ा कि शिक्षित स्पीकर हूं।
आप सांसद भगवंत मान लोकसभा में दूसरे देशों में स्थित भारत के दूतावासों में भारतीयों को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसके बारे में बोलना शुरू किया ही था कि ओम बिरला ने उन्हें बैठने को कह दिया। उन्होंने कहा, ‘शून्यकाल में यदि आप विषय बदलना चाहते हैं तो आपको मेरी अनुमति लेनी होगी।आपको पंजाब में शिक्षकों के वेतन से संबंधित विषय दिया गया है। मैं पढ़ा लिखा स्पीकर हूं। उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई सांसद शून्यकाल में विषय बदलना चाहता है तब उनसे अनुमति लेनी होगी।’ इसके बाद भगवंत मान फिर से खड़े हुए लेकिन उन्होंने स्पीकर से अनुमति मांगी जिसे मंजूरी भी दी गई।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लगातार साढ़े तीन घंटे आसन पर बैठकर कार्यवाही संचालित की। इसके लिए उन्हें सांसदों की वाहवाही भी मिली। उन्होंने नये सदस्यों समेत अधिक से अधिक सांसदों को शून्यकाल में बोलने का मौका दिया है।
संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल के तुरंत बाद शून्यकाल की अवधि होती है। इसका समय 12 बजे से लेकर 1 बजे तक होता है। दोपहर 12 बजे आरंभ होने के कारण इसे शून्यकाल कहा जाता है। शून्यकाल का आरंभ 1960 के दशकों में हुआ जब बिना पूर्व सूचना के अविलम्बनीय लोक महत्व के विषय उठाने की प्रथा विकसित हुई। इस अवधि में आवश्यक दस दिनों के एडवांस नोटिस के बगैर काफी महत्वपूर्ण मामलों को उठा सकते हैं। 17वीं लोकसभा का पहला संसदीय सत्र 17 जून को शुरू हुआ है जो 26 जून को खत्म हो जाएगा।