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चरमपंथियों के हमले से आहत सिख नेता ने छोड़ा पाकिस्तान, ले सकते हैं भारत में पनाह

पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा था कि दूसरे देशों में अधिकारों के उल्लंघन की आलोचना करने से पहले हमें अपने देश के अल्पसंख्यकों का ध्यान रखना चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 12:10 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 07:24 AM (IST)
चरमपंथियों के हमले से आहत सिख नेता ने छोड़ा पाकिस्तान, ले सकते हैं भारत में पनाह
चरमपंथियों के हमले से आहत सिख नेता ने छोड़ा पाकिस्तान, ले सकते हैं भारत में पनाह

नई दिल्ली, आइएएनएस। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति दिनोंदिन और खराब होती जा रही है। मुस्लिम चरमपंथियों की धमकी और हमले से सहमे एक और सिख नेता अपने परिवार के साथ पकिस्तान से पलायन के लिए मजबूर हो गए।

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मुस्लिम चरमपंथियों के हमले से डरे सिख नेता ने छोड़ा पाक, ले सकते हैं भारत में पनाह

सिख नेता राधेश सिंह टोनी पर कुछ सप्ताह पहले हथियारबंद चरमपंथियों ने हमला कर दिया था। इसके बाद उन्हें अपना सोशल मीडिया अकाउंट बंद करके पेशावर से लाहौर भागना पड़ा। पाकिस्तान छोड़ने के बाद वह अपने परिवार के साथ भारत में पनाह ले सकते हैं।

पाक की आलोचना करने वाले राधेश मुस्लिम चरमपंथियों के निशाने पर थे

इस्लामाबाद के सूत्रों के अनुसार, अल्पसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले सिख नेता राधेश सिंह टोनी खैबर पख्तूनख्वा से पलायन कर चुके हैं। वह मुस्लिम चरमपंथियों के निशाने पर थे और उन्हें कई बार धमकियां मिल चुकी थीं। राधेश पाकिस्तान की खराब होती कानून-व्यवस्था के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) सरकार की आलोचना करते रहे हैं।

ननकाना साहिब पर हमले के बाद से सिख समुदाय चरमपंथियों ने निशाने पर है

गुरु नानक के जन्मस्थान पवित्र गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हुए हमले के बाद से अल्पसंख्यक सिख समुदाय को चरमपंथियों ने निशाने पर ले लिया है। ननकाना साहिब पर हमले के बाद सिख समुदाय के एक युवक की हत्या भी हो चुकी है।

टोनी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज माने जाते थे

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर निवासी राधेश सिंह टोनी वहां अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज माने जाते थे।

राधेश अल्पसंख्यक सीट से भारी बहुमत से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं

वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। स्थानीय चुनाव में उन्होंने अल्पसंख्यक सीट से किस्मत आजमाई और भारी बहुमत से जीते थे। बाद में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था।

कई सिख नेता पाकिस्तान से पलायन कर चुके हैं

उल्लेखनीय है इससे पहले भी कई सिख नेता पाकिस्तान से पलायन करके भारत समेत दुनिया के कई देशों में पनाह ले चुके हैं। पिछले ही साल पीएम खान की पार्टी पीटीआइ के नेता व पूर्व विधायक बलदेव सिंह परिवार समेत भारत आ गए थे। उन्होंने अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के लिए पाकिस्तान सरकार पर हमला बोला था।

राधेश की टिप्पणी पर हिना रब्बानी खार घेर चुकी हैं इमरान खान को

सिख नेता राधेश की टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-क्यू) की नेता व पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार हाल ही में प्रधानमंत्री इमरान खान को घेर चुकी हैं। खान ने भारत के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की आलोचना की थी। सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में प्रताड़ना के शिकार अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

इमरान को सीएए की आलोचना करने से पहले अपने देश के अल्पसंख्यकों का ध्यान रखना चाहिए

पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा था, 'दूसरे देशों में अधिकारों के उल्लंघन की आलोचना करने से पहले हमें अपने देश के अल्पसंख्यकों का ध्यान रखना चाहिए।'


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