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असम ही नहीं देशभर में NRC लागू करने की तैयारी में गृह मंत्रालय

एनआरसी को लेकर अब तक एकमात्र असम में ही शोर था लेकिन अब गृहमंत्री ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कह दिया है कि अब देश भर से अवैध प्रवासियों को निकाला जाएगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 11:18 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 12:47 PM (IST)
असम ही नहीं देशभर में NRC लागू करने की तैयारी में गृह मंत्रालय
असम ही नहीं देशभर में NRC लागू करने की तैयारी में गृह मंत्रालय

नई दिल्‍ली (आइएएनएस)। असम में जहां राष्‍ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी, NRC) को पूर्ण रूप से लागू करने की तैयारी अपने एडवांस स्‍टेज में है वहीं देश भर से अवैध प्रवासियों की पहचान कर बाहर निकालने की तैयारी में गृह मंत्रालय जुटा हुआ है।

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सभी राज्‍यों में ट्रिब्‍यूनल

30 मई को FTs (Foreigners Tribunals)आदेश 1964 में संशोधन का एलान कर केंद्र सरकार ने एनआरसी से आगे की राह बना दी। संशोधन के आदेश से सभी राज्‍यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अवैध तरीके से रह रहे प्रवासियों कर पहचान करने के लिए ट्रिब्‍यूनल के गठन को लेकर राज्‍य सरकारों के साथ-साथ डिस्‍ट्रिक्‍ट मजिस्‍ट्रेट सशक्‍त हुए। अब तक केवल केंद्र के पास ही इस तरह के ट्रिब्‍यूनल के गठन करने का अधिकार था जो केवल असम में अर्धन्‍यायिक निकाय के तौर पर था।

 1951 में असम में हुआ NRC का गठन

सुप्रीम कोर्ट के अंतर्गत असम में एनआरसी की प्रक्रिया पर देश भर की नजरें टिकी हैं क्‍योंकि इसकी अंतिम सूची जारी होते ही कई लाख लोग राज्‍यविहीन हो जाएंगे। असम में पहली बार 1951 में एनआरसी का गठन हुआ। 25 मार्च 1971 के बाद बांग्‍लादेश से राज्‍य में आए प्रवासियों व भारतीय नागरिकों को अलग करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों के अनुसार इसे अपडेट किया गया।

देश के हर इंच से निकाले जाएंगे अवैध प्रवासी

न केवल असम बल्‍कि देशभर में एनआरसी लागू करने पर जोर देते हुए राज्‍यसभा में मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि अंतरराष्‍ट्रीय कानून के अनुसार भारत में रह रहे अवैध प्रवासियों को सरकार देश के हर इंच से निकाल कर बाहर करेगी। कोर्ट ने केंद्र व असम सरकार से 31 जुलाई तक एनआरसी के तहत अंतिम सूची प्रकाशित करने को कहा था लेकिन इसके लिए दोनों की ओर से अतिरिक्‍त समय की मांग की गई ताकि दोबारा से वेरिफिकेशन किया जा सके।

गृहराज्‍यमंत्री नित्‍यानंद राय ने राज्‍यसभा में बुधवार को कहा था कि एनआरसी को अंतिम रूप देने में कुछ देरी हो सकती है क्‍योंकि सरकार नहीं चाहती है कि अवैध प्रवासी रह जाए और वास्‍तविक नागरिक को निकाला जाए।


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