असम में एनआरसी जारी करने से पहले केंद्र सरकार ने कसी कमर
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र ने 22 हजार अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को असम और आसपास के राज्यों में भेज दिया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। असम में जारी होने जा रहे राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे पर किसी संभावित बवाल से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र ने 22 हजार अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को असम और आसपास के राज्यों में भेज दिया है। साथ ही, गृह मंत्रालय ने इस संदर्भ में विस्तृत दिशानिर्देश जारी करते हुए असम सरकार को केवल सूची के आधार पर किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को कहा है। सूची में जिनका नाम नहीं होगा, उन्हें नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा।
एनआरसी के जारी होने के बाद बवाल की आशंका को देखते हुए गृहमंत्रालय ने असम और आसपास के राज्यों को पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। गृहमंत्रालय ने असम सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन करने को कहा है। इस समिति का काम राज्य एजेंसियों के साथ-साथ एनआरसी अधिकारियों और केंद्रीय एजेंसियों के बीच तालमेल बिठाना होगा। इसके साथ ही लोगों की शिकायतों को सुनने और उनपर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए गुवाहाटी और जिला मुख्यालयों में 24 घंटे चलने वाला कॉल सेंटर खोला जाएगा। गृहमंत्रालय ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआइ) को आम लोगों को एनआरसी के मसौदे के बारे में पूरी तरह से अवगत कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए वेबसाइट, टोलफ्री नंबर, एसएमएस, सोशल मीडिया समेत संचार के सभी माध्यमों का उपयोग करने को कहा गया है ताकि असम का हर नागरिक वास्तविक स्थिति से अवगत रहे और अफवाहों में फंसने से बच सके।
असम के कुल 3.29 करोड़ नागरिकों में से 1.9 करोड़ का नाम पहली जनवरी को जारी एनआरसी के पहले ड्राफ्ट में प्रकाशित हो चुका है। बाकी 1.39 करोड़ लोगों का नाम 30 जुलाई को जारी किया जाना है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहले भी साफ कर चुके हैं कि एनआरसी की पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पारदर्शिता के साथ पूरी की जा रही है और इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। केवल एनआरसी में नाम नहीं आने से किसी को विदेशी मानकर कैंपों में नहीं भेजा जाएगा। उन्हें इसके खिलाफ अपील करने और अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा अवसर दिया जाएगा। उनके अनुसार कानूनी प्रक्रिया को पूरा किए बिना किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।