दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के साथ बिहार BJP कोर कमेटी का मंथन, बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा हैं मौजूद
गृह मंत्री अमित शाह बिहार भाजपा कोर कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार शाम को भाजपा मुख्यालय पहुंचे। बैठक में बिहार भाजपा के एक नए प्रमुख के चयन विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता के चयन पार्टी के प्रमुख पर चर्चा होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में भाजपा मुख्यालय में मंगलवार शाम को बिहार बीजेपी कोर कमेटी की बैठक हो रही है। बैठक में शामिल होने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मुख्यालय पहुंचे हैं। बैठक में विपक्ष की भूमिका, बिहार भाजपा के एक नए प्रमुख के चयन, विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता के चयन और पार्टी के प्रमुख पर चर्चा होने की उम्मीद है। बैठक में बिहार के सभी बड़े नेता मौजूद हैं, जिसमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, भाजपा के सह प्रभारी हरीश द्विवेदी, शहनवाज हुसैन, तारा किशोर प्रसाद, सुशील मोदी, रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, नंद किशोर यादव, अश्विनी चौबे शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री और पूर्व महासचिव भूपेंद्र यादव के मंत्री बनने के बाद वर्तमान में भाजपा का कोई प्रभारी नहीं है।
Delhi: Union HM Amit Shah reaches BJP Headquarters to attend the Bihar BJP Core Committee meeting
Discussions expected on the oppn's role & issues to be raised by them, selection of a new Bihar BJP chief, selection of LoP in Assembly & Legislative Council & the party's head. pic.twitter.com/Ry9dnf4mhY— ANI (@ANI) August 16, 2022
बैठक में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चयन समेत बिहार के नए सांगठनिक स्वरूप पर चर्चा होगी। 24 अगस्त से शुरू होने वाले बिहार विधानसभा सत्र के एक सत्र में नीतीश कुमार का फ्लोर टेस्ट भी होगा। पिछले दिनों नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था और इस महीने की शुरुआत में राजद और अन्य दलों के साथ सरकार बनाई थी। मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री के पद पर तेजस्वी यादव ने 10 अगस्त को शपथ ली थी।
जनता दल (यूनाइटेड) ने 9 अगस्त को सर्वसम्मति से भाजपा के साथ संबंध तोड़ने का फैसला किया और नीतीश कुमार की पार्टी ने सत्ता के आश्चर्यजनक परिवर्तन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ हाथ मिलाया। यह 2020 में था, जब भाजपा-जद (यू) ने संयुक्त रूप से बिहार के लिए विधानसभा चुनाव जीता था और भाजपा ने सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2013 में पहली बार एनडीए छोड़ा था, जब नरेंद्र मोदी एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने थे और फिर 2017 में राजद कांग्रेस गठबंधन के साथ अपने गठबंधन को फिर से एनडीए खेमे में वापस जाने के लिए छोड़ दिया था।
इस दौरान नीतीश कुमार ने भाजपा पर उनकी पार्टी को विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री और जद (यू) नेता आरसीपी सिंह की भाजपा के साथ साठगांठ करने का आरोप लगाने के बाद दोनों राजनीतिक दलों में झगड़े की शुरुआत हुर्इ। कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे आरसीपी सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोपों में पिछले दिनों जदयू से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने स्वीकार किया कि भाजपा में शामिल होना एक विकल्प था।