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गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- अयोध्या राममंदिर ट्रस्ट में नहीं होगा कोई भाजपा का नेता

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राममंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 09:03 PM (IST)
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- अयोध्या राममंदिर ट्रस्ट में नहीं होगा कोई भाजपा का नेता
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- अयोध्या राममंदिर ट्रस्ट में नहीं होगा कोई भाजपा का नेता

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अयोध्या में राममंदिर निर्माण की जिम्मेदारी संभालने वाले ट्रस्ट में भाजपा का कोई नेता शामिल नहीं होगा, यह बात भाजपा अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है। शाह के अनुसार राममंदिर के निर्माण की सारी प्रक्रिया अगले तीन महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी।

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ट्रस्ट में भाजपा का कोई नेता शामिल नहीं होगा

अमित शाह ने उन अटकलों को खारिज कर दिया, जिसमें राममंदिर ट्रस्ट में खुद शाह के और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामिल किये जाने की बात कही जा रही थी। एक मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि प्रस्तावित ट्रस्ट में भाजपा का कोई नेता शामिल नहीं होगा।

सरकारी धन से नहीं होगा मंदिर का निर्माण

उन्होंने यह भी साफ किया कि मंदिर के निर्माण में सरकारी धन का उपयोग कतई नहीं किया जाएगा। सोमवार को झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान चार महीने के भीतर गगनचुंबी राममंदिर के निर्माण के दावे के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए सरकार को तीन महीने का समय दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर तय समय सीमा से एक महीना अधिक बोला है।

तय समय सीमा में ट्रस्ट बनेगा और मुस्लिमों को पांच एकड़ जमीन दी जाएगी

उनके अनुसार अदालत के फैसले के मुताबिक राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने और मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय को पांच एकड़ जमीन देने को लेकर काम चल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि तय समय सीमा के भीतर ही यह कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था मंदिर बनाने और मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश

ध्यान देने की बात है कि पिछले महीने नौ नवंबर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने और मस्जिद के लिए अलग पांच एकड़ जमीन देने का फैसला दिया था। यही नहीं, इस फैसले के खिलाफ दाखिल सभी पुनर्विचार याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते खारिज कर दिया था।


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