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मप्र में भाजपा को लगे झटके से शाह नाराज, शिवराज चौहान-राकेश सिंह से मांगा जवाब

हाईकमान ने घटनाक्रम पर मांगी विस्तृत रिपोर्ट। अमित शाह ने प्रदेश नेतृत्व की कमजोरी को माना घटना का जिम्मेदार। बागी विधायकों से बातचीत की कोशिश जारी।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 10:24 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 11:19 AM (IST)
मप्र में भाजपा को लगे झटके से शाह नाराज, शिवराज चौहान-राकेश सिंह से मांगा जवाब
मप्र में भाजपा को लगे झटके से शाह नाराज, शिवराज चौहान-राकेश सिंह से मांगा जवाब

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। मध्य प्रदेश में बुधवार को विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दिन, भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले दो विधायकों की घटना से पार्टी हाईकमान नाराज है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से फोन पर बातचीत कर नाराजगी जताई है। पार्टी अध्यक्ष व गृह मंत्री अमित शाह ने साफतौर पर प्रदेश नेतृत्व की कमजोरी को इस घटना का जिम्मेदार माना है।

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पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि शाह की नाराजगी के बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में शिवराज, राकेश सिंह, सुहास भगत और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बैठक की और दोनों बागी विधायकों से बातचीत की कोशिश की, लेकिन वे मोबाइल फोन पर उपलब्ध नहीं हुए। इसके बाद शिवराज भोपाल से रवाना हो गए, वे दिल्ली में होने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक में भी शामिल होंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि शिवराज इस दौरान शाह को स्पष्टीकरण दे सकते हैं।

डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू

ब्यौहारी विधायक शरद कोल और मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने बुधवार को विधानसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक पर हुए मत विभाजन में कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था। इसके बाद से भाजपा की सियासत में भूचाल आ गया है। पार्टी ने आनन-फानन में प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह को भोपाल भेजा और डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू की पर उन्हें आंशिक सफलता भी नहीं मिली। इस दौरान पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग भी प्रदेश कार्यालय में दिग्गजों के साथ सक्रिय रहे।

भार्गव से नाराज

पार्टी सूत्रों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा नंबर वन और नंबर टू संबंधी दिए बयान से हाईकमान नाराज है। पार्टी नेताओं की मानें तो उन्हें अंतिम चेतावनी दी गई है कि वे अपने बयानों पर लगाम लगाएं, वरना नेता प्रतिपक्ष पद से हाथ धोना पड़ सकता है। भार्गव ने लोकसभा चुनाव के बाद फ्लोर टेस्ट का बयान दिया था, तब भी पार्टी ने कहा था कि इस बयान से उनका लेना-देना नहीं है।

भाजपा में सब कुछ सामान्य होने का दावा

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि पार्टी में सब कुछ सामान्य है। तनाव में कांग्रेस है और वह जबरिया अपनी ताकत दिखाने के लिए उल्टे-सीधे काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा न तो पहले सरकार गिराने के पक्ष में थी और न उसका ऐसा कोई इरादा है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा दे रही है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि कांग्रेस जिस पर खुशी मना रही है, ये फ्लोर टेस्ट नहीं है। हम सब एक हैं। दोनों विधायकों से भी हम बात कर रहे हैं। वक्त आने पर हम अपनी एकजुटता साबित कर देंगे।

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