शपथ लेने के बाद हिमंता विश्व शर्मा बोले, असम में एनआरसी का कराएंगे पुन: सत्यापन
भाजपा नेता और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) के संयोजक हिमंता विश्व शर्मा को राज्यपाल जगदीश चंद्र मुखी ने सोमवार को असम के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। प्रदेश के पारंपरिक परिधान में सरमा ने असमी में शपथ ग्रहण की।
गुवाहाटी, एजेंसियां। भाजपा नेता और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) के संयोजक हिमंता विश्व शर्मा को राज्यपाल जगदीश चंद्र मुखी ने सोमवार को असम के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। प्रदेश के पारंपरिक परिधान में सरमा ने असमी में शपथ ग्रहण की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए विश्वास जताया कि उनकी सरकार राज्य के विकास को गति देगी और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।
शपथ ग्रहण के बाद सरमा ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के मसले पर कहा कि उनकी सरकार राज्य के सीमावर्ती जिलों में 20 फीसद और अन्य क्षेत्रों के 10 फीसद नामों का पुन: सत्यापन कराना चाहती है। अगर त्रुटियां नगण्य हुईं तो हम वर्तमान एनआरसी के साथ आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन अधिक विसंगतियां हुईं तो उन्हें उम्मीद है कि अदालत संज्ञान लेगी और नए दृष्टिकोण के साथ जो आवश्यक होगा वह करेगी।
13 मंत्रियों के साथ राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ
सरमा के साथ 13 अन्य विधायकों ने मंत्रियों के रूप में शपथ ली। इनमें 10 भाजपा, दो असम गण परिषद (एजीपी) और एक विधायक यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) का है। मंत्री बनने वालों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास भी शामिल हैं, जबकि कैबिनेट में जगह बनाने वाली एक मात्र महिला अजंता नियोग हैं।
अजंता तरुण गोगोई सरकार में भी मंत्री रह चुकी हैं और वह विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं। दास के अलावा रनोज पेगु, अशोक सिंघल, बिमल बोरा और यूजी ब्रह्मा (पूर्व राज्यसभा सदस्य) मंत्रिमंडल में नए चेहरे हैं, उन्हें पहली बार मंत्री बनाया गया है। एजीपी के अतुल बोरा और केशब महंत को मंत्रिमंडल में बरकरार रखा गया है।
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा; पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल; पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री- बिप्लब कुमार देब (त्रिपुरा), कोनराड के. संगमा (मेघालय), एन. बीरेन सिंह (मणिपुर) और निफियू रियो (नगालैंड); पूर्वोत्तर क्षेत्र मामलों के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
यह भी बोले विश्व शर्मा
- अगले पांच साल में राज्य को देश के शीर्ष पांच प्रदेशों में शुमार करना उनकी सरकार की प्राथमिकता होगी।
- उग्रवादी समूहों खासकर उल्फा (आइ) से की हथियार डालने और मुख्य धारा में शामिल होने की अपील।- राज्य में कोरोना महामारी की रोकथाम होगा पहला काम। मंगलवार को कैबिनेट की पहली बैठक में प्रभावी रोडमैप को दी जाएगी मंजूरी।