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नवंबर में Citizenship (Amendment) Bill फिर से पेश करेगा केंद्र सरकार: हिमंत बिस्व शर्मा

असम के वित्त स्वास्थ्य एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार नवंबर में संसोधित नागरिकता विधेयक फिर से पेश करेगी।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 08:58 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 08:58 AM (IST)
नवंबर में Citizenship (Amendment) Bill  फिर से पेश करेगा केंद्र सरकार: हिमंत बिस्व शर्मा
नवंबर में Citizenship (Amendment) Bill फिर से पेश करेगा केंद्र सरकार: हिमंत बिस्व शर्मा

करीमगंज (असम), एजेंसी। असम के वित्त, स्वास्थ्य एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार नवंबर में संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार संसद में यह विधेयक पेश करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नया एनआरसी फिर से तैयार किया जाएगा। 

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सरमा ने कहा कि लोगों को यह बताने के लिए सार्वजनिक सभा आयोजित की गई है कि पूर्वोत्तर में स्थानीय लोगों के हितों का संरक्षण किया जाएगा। केंद्र सरकार ने असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के स्थानीय लोगों हितों की सुरक्षा करने वाला विधेयक लाने का फैसला लिया है।

उन्होंने कहा हम इनर लाइन परमिट प्रणाली, छठी अनुसूची के प्रावधान का सम्मान करते हैं। हमें घुसपैठ को जारी रखने की अनुमति नहीं देने वाले एक विधेयक की जरूरत है। इसलिए हमें इसपर रोक लगाने वाले विधेयक की जरूरत है। सरमा पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन के समन्वयक भी हैं।

मंत्री ने कहा कि लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि यह बिल उनकी संस्कृति, भाषा और विरासत के हित के खिलाफ है लेकिन वे दुर्भाग्यपूर्ण लोगों को आश्रय दे रहे हैं, इसीलिए सरकार इस साल नवंबर में संसद में कैबिनेट की बैठक करेगी,  जो 2014 से पहले देश आए थे और भारत को अपनी मातृभूमि मानते हैं जिसमें बंगाली हिंदुओं के साथ-साथ ईसाई, बौद्ध, सिख और जैन सभी को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी।

सरमा ने आश्वासन दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाएगी कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की संस्कृति, भाषा और विरासत सुरक्षित रहे। एनआरसी के बारे में उन्होंने कहा, "भारतीय जनता पार्टी को इस पर विश्वास नहीं है क्योंकि जो हम चाहते थे उसके विपरीत हो गया। हम उच्चतम न्यायालय को बताएंगे कि भाजपा एनआरसी को खारिज कर देती है। यह असम के लोगों की पहचान का दस्तावेज नहीं है।


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