Move to Jagran APP

जल्द होगा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का फैसला

भाजपा संसदीय बोर्ड ने मंगलवार को निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर को विधायकों से विचार-विमर्श करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 08:58 PM (IST)
जल्द होगा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का फैसला
जल्द होगा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का फैसला

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में नए मुख्यमंत्री की तलाश के लिए भाजपा में शीर्ष स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। भाजपा नेतृत्व अनुभव और जनाधार को ध्यान में रखते हुए विभिन्न नामों पर विचार कर रहा है। निश्चित रूप से इस में वरिष्ठ नेता जयराम ठाकुर का नाम सबसे ऊपर है। लेकिन अंतिम समय में दौड़ से बाहर हो गए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को फिलहाल नकारा नहीं जा सकता है। वहीं गुजरात में मुख्यमंत्री बदलाव की अटकलों को खारिज किया जा रहा है।

loksabha election banner

भाजपा संसदीय बोर्ड ने मंगलवार को निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर को विधायकों से विचार-विमर्श करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इनकी रिपोर्ट आने के बाद शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री का नाम तय करेगा। माना जा रहा है कि एक दो दिन में ये दोनों केंद्रीय नेता शिमला जाकर विधायकों से विमर्श करेंगे। वैसे अनौपचारिक चर्चा शुरू हो चुकी है।

वैसे हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री का चयन केंद्रीय नेतृत्व के लिए आसान नहीं होगा। हिमाचल प्रदेश भाजपा के विभिन्न धड़े अपने-अपने व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की कोशिश में जुटे हैं। इसी कारण चुनाव के पहले मुख्यमंत्री के ऐलान में देरी भी हुई थी। वैसे जेपी नड्डा का नाम काफी समय से चल रहा था और माना जा रहा था कि चुनाव के चार-पांच महीने पहले ही नड्डा को मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर भाजपा हिमाचल प्रदेश में चुनाव मैदान में उतरेगी।

लेकिन, नड्डा के नाम की घोषणा नहीं हो पाई। और अंतिम समय में मतदान के तीन-चार दिन पहले अमित शाह ने प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर दिया। जातीय समीकरण के कारण धूमल के नाम की घोषणा को सही माना गया था। धूमल की हार के बाद उसी जातीय समीकरण के आधार पर जयराम ठाकुर की चर्चा चल पड़ी है। विधायकों से ही मुख्यमंत्री बनाए गए तो ठाकुर ही सबसे आगे हैं।

गुजरात में विजय रूपाणी का नाम पहले से घोषित है। नतीजों के बाद यह अटकल जरूर चल निकली कि जातीय समीकरण साधने को भाजपा अपने पुराने फैसले में बदलाव करेगी। लेकिन माना जा रहा है कि वर्तमान स्थिति में रूपाणी ही बने रहेंगे।

यह भी पढ़ें: गुजरात विधानसभा में पांच दर्जन नए चेहरे होंगे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.