डिजिटल इंडिया वीक-2022 में पीएम मोदी के भाषण की खास बातें, जानें कैसे तकनीक के प्रयोग से बदल गया भारत
आनलाइन पेमेंट की जब शुरुआत हो रही थी तब पूर्व वित्त मंत्री भी इसका विरोध कर रहे थे लेकिन आज हर मिनट 1.30 लाख डिजिटल पेमेंट हो रहे हैं। दुनिया के 40 प्रतिशत आनलाइन पेमेंट भारत में हो रहे हैं। डिजिटल तकनीक से पारदर्शिता आई है।
शत्रुघ्न शर्मा, गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि डिजिटल इंडिया के कारण सरकार आपके द्वार तक पहुंच गई है, सौ से अधिक सरकारी सेवाएं आज आनलाइन उपलब्ध हैं। पहले बैंक, गैस, स्कूल, राशन हर जगह लाइनें होती थीं, डिजिटल इंडिया में लाइनें खत्म हो गई हैं। गांव-शहर का अंतर खत्म हो गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का इन स्पेस सेंटर स्कूली बच्चों की ओर से तैयार किए गए 75 सेटेलाइट अंतरिक्ष में छोड़ने की तैयारी कर रहा है।
गांधीनगर महात्मा मंदिर में सोमवार को डिजिटल इंडिया वीक-2022 का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक के कारण भारत बीते आठ साल में तेजी से बदल गया है। सरकारी दफ्तर अब लोगों के घर और मोबाइल तक पहुंच गए हैं। पहले जहां जन्म प्रमाण पत्र तक के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब सौ से अधिक सरकारी सेवाएं आनलाइन उपलब्ध हैं। देश में चार लाख डिजिटल सर्विस सेंटर खोले जा चुके हैं। आनलाइन पेमेंट की जब शुरुआत हो रही थी तब पूर्व वित्त मंत्री भी इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन आज हर मिनट 1.30 लाख डिजिटल पेमेंट हो रहे हैं। दुनिया के 40 प्रतिशत आनलाइन पेमेंट भारत में हो रहे हैं। डिजिटल तकनीक से पारदर्शिता आई है और भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है।
बीते आठ साल में केंद्र सरकार लाभार्थियों के खातों में 23 लाख करोड़ रुपये सीधे जमा करा सकी है और करीब सवा दो लाख करोड़ रुपये बिचौलियों के हाथों में जाने से बचे हैं।इंडस्ट्री 4.0 (चौथी औद्योगिक क्रांति) में अग्रणी बनने के लिए भारत आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल इंडिया, ड्रोन, रोबोटिक्स, ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में हाथ आजमा रहा है। भारत को सेमी कंडक्टर का हब बनाने के लिए कौशल की जरूरत है।
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डिजिटल इंडिया अभियान के तहत 8,500 युवाओं को चिप डिजायनर के रूप में तैयार किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि गुजरात में ई-ग्राम, जी-स्वान, जनसेवा केंद्र के प्रयोगों का लाभ देश को मिला है। ई-संजीवनी के जरिये देश के तीन करोड़ लोग घर बैठे बेहतर अस्पताल के श्रेष्ठ चिकित्सकों से सलाह ले सके।
मोदी ने कहा कि गांधीनगर की गिफ्ट सिटी देश की आर्थिक ताकत का केंद्र बनेगी। 2005-06 के अपने भाषण को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आज उनका सपना साकार होता नजर आ रहा है। देश को आगामी वषरें में 14 से 15 लाख स्किल्ड युवाओं की जरूरत होगी, देश में बनाए गए 10 हजार अटल इंक्युबेशन सेंटरों से लाखों छात्र-छात्राओं को तैयार किया जा रहा है।
पीएम डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत 40 हजार केंद्रों से पांच करोड़ युवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। आगामी तीन-चार साल में इलेक्ट्रानिक क्षेत्र का कारोबार 300 अरब डालर को पार कर जाएगा। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया के चलते भारत चिप और सेमी कंडक्टर में निवेश को आकर्षित कर रहा है।
वंदे भारत का लाभ श्रमिकों को
प्रधानमंत्री ने अपने लोकसभा क्षेत्र काशी में रेलवे स्टेशन के एक रात किए औचक दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां जब यात्रियों से उन्होंने वंदे भारत ट्रेन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, उन्हें बहुत पसंद आ रही है। जब उन्होंने कहा कि इसका किराया तो अधिक है, तो वे बोले कि किराया अधिक है, लेकिन इसमें खुली जगह काफी होती है इसलिए माल-सामान अधिक ले जा पाते हैं। श्रमिकों के भी छह-आठ घंटे बचते हैं, जिनमें वे अधिक काम करके अपने टिकट के पैसे आसानी से निकाल पाते हैं।
तकनीक के जरिये खोई बालिका को तलाशा
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि अब तक 500 बच्चों को डिजिटल तकनीक से तलाशकर उनके माता-पिता तक पहुंचाया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के एक स्टेशन पर मां से बिछड़ी बालिका की बायोमैट्रिक पहचान से आधार कार्ड की जानकारी जुटाकर तुरंत उसके घर तक पहुंचा दिया गया। कुछ दिनों पहले ही वह बालिका जब मिली तो उसने उनको धन्यवाद दिया।
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