सर्जिकल स्ट्राइक दिवस पर पसोपेश में फंसे उच्च शिक्षण संस्थान
कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर जहां राजनीति करने का आरोप लगाया, वहीं तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में इसे न मनाने की बात कही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाने को लेकर सरकार के बदले रुख से उच्च शिक्षण संस्थान उलझन में है। वह इसे लेकर अब मंत्रालय से सीधा संपर्क कर रहे है। हालांकि इस सब के बीच संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का डर भी सता रहा है, क्योंकि यूजीसी ने इसे लेकर दिए अपने निर्देशों में अब तक कोई बदलाव नहीं किया है। यूजीसी ने संस्थानों से इन आयोजनों के साथ इसका ब्यौरा भी देने के निर्देश दिए है। इनमें प्रमाण के तौर पर फोटो और वीडियो भी मांगा है।
संस्थानों को 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाने का सुझाव
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास इसे लेकर बड़ी संख्या में फोन पहुंच रहे है। इनमें ज्यादातर केंद्रीय विश्वविद्यालयों से आ रहे है, जो आयोजन को लेकर सरकार के अगले रुख की जानकारी चाह रहे है। हालांकि सभी को इसे लेकर यूजीसी से संपर्क करने के निर्देश दिए जा रहे है।
यह स्थिति तब है जब सरकार ने अपनी ओर से साफ किया है, कि सर्जिकल स्ट्राइक दिवस को लेकर जारी निर्देश किसी भी संस्थान के लिए अनिवार्य नहीं किए गए है। यह सिर्फ संस्थानों की स्वेच्छा पर निर्भर है। विश्वविद्यालय और कालेजों की सबसे बड़ी नियामक संस्था यूजीसी ही होती है। साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों को वित्तीय मदद भी प्रदान करती है। बावजूद इसके संस्थान इस मामले को लेकर किसी भी दुविधा में नहीं रहना चाह रहे है। यही वजह है कि फोन के जरिए वह पूरी जानकारी ले रहे है।
कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर जहां राजनीति करने का आरोप लगाया, वहीं तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में इसे न मनाने की बात कही है। हालांकि सरकार ने इसे देश प्रेम से जुड़ा आयोजन बताया है।