Move to Jagran APP

कांग्रेस में बदलाव की बात करने वालों पर हाईकमान सख्त, राज बब्बर व जितिन हुए चुनावी समितियों से बाहर

कांग्रेस में बदलाव के साथ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की मांग के पक्ष में पत्र लिखने वाले 23 नेताओं पर पार्टी हाईकमान के तेवर ढीले पड़ने के संकेत नहीं हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 08:23 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 11:44 PM (IST)
कांग्रेस में बदलाव की बात करने वालों पर हाईकमान सख्त, राज बब्बर व जितिन हुए चुनावी समितियों से बाहर
कांग्रेस में बदलाव की बात करने वालों पर हाईकमान सख्त, राज बब्बर व जितिन हुए चुनावी समितियों से बाहर

संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस में बदलाव के साथ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की मांग के पक्ष में पत्र लिखने वाले 23 नेताओं पर पार्टी हाईकमान के तेवर ढीले पड़ने के कोई संकेत नहीं हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की घोषित समितियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और राज बब्बर को जगह नहीं दिया जाना इसका साफ सबूत है। चुनाव से जुड़ी सात अहम समितियों का कांग्रेस ने रविवार को एलान किया मगर इसमें से किसी में भी जितिन और राजबब्बर को नहीं रखा गया है।

loksabha election banner

यूपी में कांग्रेस का राजनीतिक संचालन पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के हाथों में

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक का संचालन पूरी तरह पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथों में है। जाहिर तौर पर चुनाव से जुड़ी किसी समिति की अगुआई का मौका देना तो दूर जितिन और बब्बर को बतौर सदस्य भी नहीं रखा जाना सीधे हाईकमान की नाराजगी को दर्शाता है। जबकि पत्र विवाद आने से पूर्व तक जितिन प्रसाद उत्तरप्रदेश में कांग्रेस महासचिव के भरोसेमंद चेहरों में शामिल रहे थे। सूबे में ब्राह्मण समुदाय को पार्टी से जोड़ने की रणनीति को आगे बढ़ाने का जिम्मा भी उन्हीं पर था। हालांकि पत्र विवाद सामने आने के बाद हाईकमान के रुख को देखते हुए जितिन प्रसाद ने स्पष्टीकरण भी दिया था कि पार्टी में सुधार की उनकी बातों को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और गांधी परिवार के खिलाफ नहीं देखा जाना चाहिए।

यूपी कांग्रेस की चुनावी टीम का हिस्सा बनने में जितिन की काम नहीं आयी सफाई

उत्तरप्रदेश कांग्रेस की चुनावी टीम का हिस्सा बनने में जितिन की यह सफाई काम नहीं आयी है। जबकि हाईकमान ने जितिन और बब्बर को बाहर करने के साथ गुलाम नबी आजाद से लेकर आनंद शर्मा के खिलाफ मुखर बयान देने वाले प्रदेश के वरिष्ठ नेता निर्मल खत्री को चुनावी टीम में जगह देकर यह संदेश दे दिया है कि शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ किसी तरह के विरोध का स्वर बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

कांग्रेस में बदलाव और सुधार के पक्ष में पत्र लिखने वाले नेताओं को कोई जगह नहीं 

इससे पूर्व लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के संसदीय दल के पदाधिकारियों की नियुक्ति में भी हाईकमान ने उन नेताओं को कोई जगह नहीं दी जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिख कर कांग्रेस संगठन में बदलाव और अध्यक्ष, कार्यसमिति से लेकर जिला स्तर तक के चुनाव कराने व संसदीय बोर्ड के गठन की मांग की थी। लोकसभा में मनीष तिवारी जैसे मुखर नेता की अनदेखी कर गौरव गोगोई को कांग्रेस संसदीय दल का उपनेता तो रवनीत सिंह बिट्टू को व्हिप नियुक्त कर दिया था। इसी तरह जयराम रमेश को राज्यसभा में चीफ व्हिप बनाया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.