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Hemant Soren Oath Ceremony: सोरेन को सबने सराहा, झारखंड को नई ऊर्जा से भर गए देशभर के VVIP

Hemant Soren Oath Ceremony अतिथियों में सर्वाधिक मुखर कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी रहीं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 08:54 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 09:10 AM (IST)
Hemant Soren Oath Ceremony: सोरेन को सबने सराहा, झारखंड को नई ऊर्जा से भर गए देशभर के VVIP
Hemant Soren Oath Ceremony: सोरेन को सबने सराहा, झारखंड को नई ऊर्जा से भर गए देशभर के VVIP

रांची, [जागरण स्‍पेशल]। Hemant Soren Oath Ceremony झारखंड के 11वें मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में देशभर के तमाम दिग्‍गज जुटे। भाजपा विरोधी इन नेताओं ने हेमंत पर जी भरकर स्‍नेह लुटाया। सबने अपने-अपने तरीके से सीएम को नई सरकार की बधाई दी और आने वाले पांच साल में झारखंड की बेहतरी का भरोसा जताया। समरोह के क्रम में वीवीआइपी नेताओं के जमावड़े में कई ऐसे चेहरे भी शामिल रहे, जो हेमंत सोरेन के विशेष आग्रह पर यहां पहुंचे थे। अतिथियों में सर्वाधिक मुखर कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी रहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन दोनों धुर विरोधियों ने हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह के मंच से विपक्षी एकजुटता की बानगी दिखाई। हालांकि इस समारोह में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के नहीं शामिल होने से कांग्रेस के कार्यकर्ता कुछ मायूस नजर आए। यहां पढ़ें आगंतुकों ने क्‍या कहा...

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किन अतिथियों ने क्या कहा

झारखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर काफी अच्छा लगा। उन्हें बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। उम्मीद है कि उनके कार्यकाल में झारखंड के सभी नागरिकों की आकांक्षाएं पूरी होंगी और राज्य विकास की ओर अग्रसर होगा। ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, बंगाल।

महागठबंधन की सरकार निश्चित रूप से जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। राज्य की जनता ने एक बड़ा फैसला लिया, जिसका उन्हें अपेक्षित परिणाम भी मिलेगा। मेरी ओर से शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री व अन्य तीनों मंत्रियों को बधाई।  अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान।

पूरे झारखंड में हर्ष और उल्लास का माहौल है। कार्यकर्ताओं और यहां की जनता का मनोबल ऊंचा हुआ है। आज देश संकट में है। ऐसे में झारखंड की जनता ने महागठबंधन की सरकार बनाने का बड़ा फैसला लिया है। शरद यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री।

पूर्व सरकार ने यहां के आदिवासियों को लगातार नजरअंदाज किया। अब उम्मीद है कि नई सरकार में आदिवासियों का विकास होगा। यहां की जनता की आकांक्षाएं पूरी होंगी।  सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय महासिचव, सीपीआइएम। 

झारखंड के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को शुभकामनाएं। उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में नई सरकार जनादेश और जन आकांक्षाओं के अनुरूप काम करेगी और राज्य को विकास की राह पर तेजी से ले जाएगी। सुदेश महतो, केंद्रीय अध्यक्ष, आजसू।

शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों को बधाई। चुनाव में जनता से किए गए वायदों को पुराना करना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। गठबंधन के नेताओं ने जिन विषयों और मुद्दों को लेकर जनादेश लिया है, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी नई सरकार की है। लंबोदर महतो, विधायक, गोमिया।

शिक्षा और स्वास्थ्य पर हमारा विशेष फोकस होगा। झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान मिलेगा। पारा शिक्षकों और आंगनबाड़ी कर्मियों समेत अन्य अनुबंधकर्मियों के लंबित बकाए का शीघ्र भुगतान होगा। जहां तक उनकी मांगों का सवाल है, उसपर भी विचार होगा। हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड।

जनहित में जो भी होगा, उसपर हमारा फोकस रहेगा। विभागों का बंटवारा होने के बाद संबंधित विभाग के अधीन संचालित योजनाओं की समीक्षा होगी। मौजूदा परिदृश्य में उसकी उपयोगिता का आकलन करने के बाद क्षेत्र विशेष के हिसाब से प्राथमिकताएं तय की जाएंगी। अधीनस्थ विभाग के दायरे में आने वाले हर सेक्टर के साथ न्याय हो, यही कोशिश रहेगी। सत्यानंद भोक्ता, मंत्री।

प्रियंका के नहीं आने से मायूस हुए कार्यकर्ता

कांग्रेस महासचिव प्रियंका सोरेन को भी शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि प्रियंका भी आएंंगी। उन्हें देखने के लिए काफी संख्या में कार्यकर्ता एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। राहुल के साथ प्रियंका को नहीं देख कर वे मायूस होकर लौट गए। कई कार्यकर्ता घंटों पहले वहां पहुंच गए थे।

अतिथियों ने सोशल मीडिया पर साझा कीं समारोह की तस्वीरें

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे दूसरे राज्यों के अतिथियों ने यहां से लौटने के बाद फेसबुक पर समारोह की तस्वीरें भी डालीं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समारोह की तीन तस्वीरें साझा की हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी समारोह की तीन तस्वीरें साझा की हैं। वहीं, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने अपने फेसबुक एकाउंट पर समारोह का एक वीडियो शेयर किया है।

विशेष विमान से रांची पहुंचे राहुल, दो घंटे तक हेमंत व अन्य नेताओं से की गुफ्तगू

हेमंत सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए शनिवार दोपहर बाद से ही देश के विभिन्न हिस्सों से गैर भाजपाई नेताओं का आना-जाना लगा रहा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दोपहर एक बजे विशेष विमान से रांची पहुंचे। इससे पूर्व राजस्थान के सीएम अशोक गलहोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बाघेल पहुंच गए थे, लेकिन राहुल के आने की सूचना पर वे वही रुके रहे। नेताओं की अगवानी के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम 10 बजे से ही एयरपोर्ट पर थे।

राहुल गांधी करीब आधा घंटा तक एयरपोर्ट के अंदर रहे। इस दौरान उन्होंने नेताओं से बातचीत की। डेढ़ बजे राहुल गांधी आरपीएन सिंह सहित अन्य नेताओं के साथ मोरहाबादी मैदान स्थित शपथ ग्रहण स्थल की ओर रवाना हुए। एयरपोर्ट से बाहर निकलते हुए राहुल गांधी ने महागठबंधन को मिले जनादेश को लेकर झारखंडवासियों को शुभकामनाएं दीं। शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने रांची आए राहुल गांधी करीब दो घंटे तक रांची में रहे। अपराह्न साढ़े चार बजे तक अधिकतर वीआइपी अपने-अपने राज्य लौट गए।

शामिल नहीं हो पाए अर्जुन मुंडा

जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है। अपने बधाई संदेश में उन्होंने उम्मीद जताई है कि हेमंत सोरेन राज्य की जनता की अपेक्षाओं और मूलभूत भावनाओं के अनुरूप काम करेंगे। विकास के कार्यों को आगे ले जाएंगे। भरोसा दिलाया है कि जनजाति बहुल इस राज्य के विकास के लिए मेरे मंत्रालय से अपेक्षित सहयोग हमेशा मिलेगा। अर्जुन मुंडा को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को कानपुर जाना पड़ा और इसी वजह से वे समारोह में शामिल नहीं हो पाए।

वीआइपी मूवमेंट को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

वीआइपी मूवमेंट को लेकर एयरपोर्ट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जैसे ही सूचना मिली कि राहुल का विमान लैंड कर गया है सीआरपीएफ ने पूरे स्थल को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया। वहीं, रांची पुलिस के दर्जनों जवान सुरक्षा में सुबह से ही मुस्तैद दिखे। तीन आइपीएस, चार डीएसपी और दर्जन भर इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को बाहरी सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।


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