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गुजरात राज्यसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

अमित शाह और स्मृति इरानी द्वारा खाली की गई राज्यसभा सीटों पर एक साथ चुनाव कराने की मांग की गई है। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 08:54 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 12:12 AM (IST)
गुजरात राज्यसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
गुजरात राज्यसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुजरात में रिक्त हुई दो राज्यसभा सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। गुजरात कांग्रेस के नेता परेशभाई धनानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दो सीटों के लिए जारी चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी है। उनके द्वारा अमित शाह और स्मृति इरानी द्वारा खाली की गई सीटों पर एक साथ चुनाव कराने की मांग की गई है।

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याचिका में कहा गया है कि एक ही दिन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक और संविधान की भावना के खिलाफ है। गुजरात से राज्यसभा में खाली हुई दो सीटों पर भी 5 जुलाई को चुनाव होंगे।

जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच के सामने वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार करते हुए पीठ ने इसपर बुधवार को सुनवाई करने की हामी भरी। कांग्रेस विधायक और गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेशभाई धनानी ने न्यायालय में याचिका दायर कर चुनाव आयोग को दोनों उपचुनाव एक साथ कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

असल में गुजरात विधानसभा में भाजपा के 100 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 75, वहीं सात सीटे इस वक्त खाली है। अगर दोनों सीटों को भरने के लिए एक साथ चुनाव हुए और विधायकों ने सिर्फ एक बार में वोट दिया तो कांग्रेस के पास एक सीट जीतने का मौका होगा। लेकिन अगर दोनों सीटों के लिए अलग-अलग वोटिंग हुई तो भाजपा दोनों सीटों को जीत सकती है क्योंकि विधानसभा में उसका बहुमत है। संख्या बल के हिसाब से गुजरात में राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 61 वोट चाहिए।

बता दें कि एक ही बैलट पर चुनाव से उम्मीदवार एक ही वोट डाल पाएगा। इस स्थिति में कांग्रेस एक सीट आसानी से निकाल लेगी क्योंकि उसके अकेले के पास 71 विधायक हैं। लेकिन चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, विधायक अलग-अलग वोट करेंगे। ऐसे में उन्हें दो बार वोट करने का मौका मिलेगा। इस तरह भाजपा के विधायक जिनकी संख्या 100 से ज्यादा है वे दो बार वोट करके दोनों उम्मीदवारों को जितवा सकते हैं।

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