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हरियाणा के सीएम ने विशाल जूड की रिहाई के लिए विदेश मंत्री से की बात, एस जयशंकर ने उठाया यह कदम

हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने ऑस्ट्रेलिया की जेल में बंद हरियाणवी युवक विशाल जूड की तत्काल रिहाई के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की और मामले में तत्काल हस्तक्षेप की अपील की।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 05:38 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 06:07 PM (IST)
हरियाणा के सीएम ने विशाल जूड की रिहाई के लिए विदेश मंत्री से की बात, एस जयशंकर ने उठाया यह कदम
विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई दूतावास को भारत की चिंता से अवगत कराया है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऑस्ट्रेलिया की जेल में बंद हरियाणवी युवक विशाल जूड की तत्काल रिहाई के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की और मामले में तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। हरियाणा सरकार की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई दूतावास को भारत की चिंता से अवगत कराया। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में विशाल के समर्थन में काफी प्रदर्शन हो रहे हैं। समर्थकों का दावा है कि कुछ राष्ट्र विरोधी ताकतों ने विशाल जूड को पीटा और बाद में उन्हें झूठे मामले में फंसाकर जेल भिजवा दिया...  

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हरियाणा सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में यह भी बताया है कि भारतीय विदेश मंत्री ने मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भरोसा दिया कि विशाल जूड को बहुत जल्द ऑस्ट्रेलिया की जेल से रिहा कर दिया जाएगा। सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में तिरंगे के सम्मान के लिए हरियाणा के युवक विशाल जूड ने देश विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला किया और तिरंगे का अपमान नहीं होने दिया।

उल्‍लेखनीय है कि आस्ट्रेलिया में रोजी-रोटी की तलाश में गए करनाल के राष्ट्रभक्त युवक विशाल जूड वहां जेल में बंद हैं। विशाल का दोष केवल इतना है कि उसने वहां खालिस्तानियों का विरोध किया। बताया जाता है कि ऑस्‍ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थक मोदी विरोधी और भारत विरोधी नारे लगा रहे थे। इसके जवाब में विशाल ने तिरंगा फहराकर अपने देश के प्रति प्रेम का प्रदर्शन किया। यह खालिस्तानियों को नागवार गुजरा। उन्होंने उसके साथ मारपीट की। उसे जेल में बंद करा दिया।

विशाल रोड़ समुदाय से आते हैं। रोड़ वास्तव में मराठे हैं। सन 1761 में मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ और विदेशी आक्रांता अहमदशाह अब्दाली के बीच हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठा सेना की पराजय के बाद बहुत से मराठे मारे गए। कुछ वापस महाराष्ट्र चल गए लेकिन कुछ यहीं बस गए। सोनीपत, पानीपत, करनाल और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर के कुछ हिस्सों में इन मराठा लोगों के कई गांव हैं।


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