हरिवंश को राज्यसभा उपसभापति पद के लिए चुनाव का फिर सामना करना होगा
जदयू नेता हरिवंश को फिर से राज्यसभा उपसभापति के चुनाव का सामना करना होगा। वह सदन के सदस्य के रूप में दोबारा निर्विरोध चुने गए हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। जदयू नेता हरिवंश को फिर से राज्यसभा उपसभापति के चुनाव का सामना करना होगा। वह सदन के सदस्य के रूप में दोबारा निर्विरोध चुने गए हैं। उनकी सदस्यता का पहला कार्यकाल नौ अप्रैल को पूरा हो चुका है।
कोविड-19 के चलते नव निर्वाचित सदस्य सदन की सदस्यता नहीं ले सके
राज्यसभा के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव में निर्विरोध चुने गए 37 प्रत्याशियों में बिहार से हरिवंश भी शामिल हैं। कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में नए निर्वाचित सदस्यों ने अभी तक सदन की सदस्यता की शपथ नहीं ली है।
सदस्यता समाप्त हो जाने से उपसभापति का कार्यकाल भी समाप्त हो गया
अधिकारियों ने कहा कि सदस्यता का कार्यकाल समाप्त हो जाने के कारण हरिवंश के उपसभापति का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है। वह अगस्त 2018 में राजग प्रत्याशी के रूप में उपसभापति चुने गए थे।
उपसभापति का चुनाव राज्यसभा के एजेंडे में शामिल
आगे आयोजित होने वाले सत्र में उपसभापति का चुनाव राज्यसभा के एजेंडे में शामिल होगा। अनुमान है कि उन्हें फिर से राजग का प्रत्याशी बनाया जाएगा।
पवार, आठवले समेत 37 राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित
जिन 37 प्रत्याशियों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है, उनमें महाराष्ट्र से सात, तमिलनाडु से छह, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से दो-दो, ओडिशा से चार, बिहार और बंगाल से पांच-पांच और एक हिमाचल प्रदेश से है। भाजपा के हिस्से में सात सीटें आई हैं। उसकी सहयोगी जदयू को दो (बिहार), अन्नाद्रमुक को दो (तमिलनाडु) और बीपीएफ को एक सीट (असम) मिली है। बीजू जनता दल को ओडिशा में चार और तृणमूल कांग्रेस को बंगाल में चार सीटें मिली हैं।
बिहार में पांच उम्मीदवारों में राज्यसभा के उप सभापति और जदयू के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह, रामनाथ ठाकुर भाजपा के विवेक ठाकुर और राजद के प्रेमचंद गुप्ता व अमरेंद्रधारी सिंह शामिल हैं। अमरेंदधारी सिंह और विवेक ठाकुर पहली बार राज्यसभा पहुंचेंगे। हरिवंश, रामनाथ ठाकुर और राजद के प्रेमचंद गुप्ता अभी राज्यसभा के सदस्य हैं। इन तीनों का कार्यकाल 9 अप्रैल को समाप्त हो रहा है।