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मेहसाणा दंगा मामला: हार्दिक को मिली जमानत, अपील के लिए मिला एक महीने का वक्त

हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप अध्यक्ष लालजी पटेल व पाटीदार नेता ए के पटेल को 15-15 हजार की निजी जमानत व मुचलके पर छोड़ दिया है।

By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 12:30 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 03:11 PM (IST)
मेहसाणा दंगा मामला: हार्दिक को मिली जमानत, अपील के लिए मिला एक महीने का वक्त
मेहसाणा दंगा मामला: हार्दिक को मिली जमानत, अपील के लिए मिला एक महीने का वक्त

नई दिल्ली (जेएनएन)। विसनगर के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप अध्यक्ष लालजी पटेल व पाटीदार नेता ए के पटेल को 15-15 हजार की निजी जमानत व मुचलके पर छोड़ दिया है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप के लालजी पटेल ओर ऐके पटेल को 2015 के मेहसाणा दंगा मामले में दोषी करार दिया गया है। साथ ही विसनगर कोर्ट ने उन्हें 2 साल कि सजा भी सुनाई है।

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हार्दिक पटेल, लालजी पटेल व पाटीदार नेता ए के पटेल को उच्च अदालत में अपील के लिए करीब एक माह का समय दिया गया है, आगामी 27 अगस्त तक हाईकोर्ट का आदेश पेश करें अन्यथा सजा के पालन के लिए यहां अति जिला सत्र न्यायाधीश विजय अग्रवाल के समक्ष पेश होना होगा।

बता दें कि भाजपा विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ व आगजनी के 3 साल पुराने मामले में विसनगर गुजरात की स्थानीय अदालत ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, लालजी पटेल व एक अन्य आरोपी को दो - दो साल की सजा सुनाई गई, साथ ही  50-50 हजार का जुर्माना लगाया गया। इस मामले में 14 अन्य को निर्दोष छोड़ दिया गया है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान विसनगर विधायक के कार्यालय को हिंसक भीड़ ने निशाना बनाया था, हमले के वक्त विधायक वहां मौजूद नहीं थे।

उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले के विसनगर कस्बे में 23 जुलाई 2015 को पाटीदार आरक्षण आंदोलन के चलते रैली का आयोजन किया गया था। इसमें पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल व ए के पटेल आदि भी शामिल थे। पाटीदारों को ओबीसी के तहत आरक्षण की मांग के साथ रैली आगे बढ़ती गई तथा भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय पर पहुंचकर उग्र हो गई। रैली में शामिल युवकों ने विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ की तथा आग लगा दी। स्थानीय पत्रकार सुरेश वणोले ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, इस घटना के दौरान उसके सिर में भी चोट लगी तथा कैमरे को छीनने का प्रयास किया गया था।

विसनगर के अतिरिक्त जिला न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के बाद बुधवार को अपने फैसले में 17 में से 3 आरोपी हार्दिक पटेल, लालजी पटेल व ए के पटेल को दोषी मानते हुए उनहें दो-दो साल की सामान्य कैद की सजा सुनाई, अदालत ने तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से दस हजार शिकायतकर्ता पत्रकार को, हमले के दौरान जिस कार को आग लगाई उसके मालिक को एक लाख रुपये तथा 40 हजार रुपये भाजपा विधायक को दिए जाने हैं।

गौरतलब है कि घटना के वक्त भाजपा विधायक ऋषिकेश व दोषी पाए गए हार्दिक पटेल मौके पर मौजूद नहीं थे। सरकारी वकील चंदनसिंह राजपूत ने बताया कि तोड़फोड़ व आगजनी के इस मामले में 17 में से 14 आरोपियों को निर्दोष छोड़ दिया लेकिन तीन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,149 तथा 427 व 435 के तहत दोषी मानते हुए दो दो साल की सादी कैद की सजा सुनाई है।

हार्दिक का सोशल मीडिया पर पोस्ट
सजा सुनाए जाने से पहले हार्दिक पटेल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने समर्थकों से अपील की थी कि अदालत जो भी फैसला सुनाए वे शांति बनाए रखें। सजा सुनाने के बाद पाटीदार नेता व कांग्रेस विधायक ललित वसोया ने पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए हार्दिक व अन्य को फंसाने का आरोप लगाया है। अदालत के फैसले को स्वीकारने के साथ उन्होंने इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही। जबकि हार्दिक के पूर्व साथी दिनेश बामणिया व वरुण पटेल ने कहा कि पाटीदार आंदोलन के मामले में अदालत का जो भी फैसला आया है, उसके बाद वह समाज हित के लिए लड़ते रहेंगे तथा फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देना चाहिए।

भाजपा विधायक ने किया फैसले का स्वागत
फैसला आने के बाद भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल ने कहा कि विसनगर अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है, घटना के वक्त में अपने कार्यालय में नहीं था। तोड़फोड़ व आगजनी की सूचना मुझे बाद में मिली। वहीं हार्दिक पटेल संयोजक पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति ने अदालत का फैसला आने के बाद ट्वीटर पर पोस्ट किया, 'विसनगर किसी भी मुश्किल को उसके बनाए गए लेवल पर हल नहीं किया जा सकता, उस मुसीबत को उस लेवल से ऊपर उठने पर ही हल किया जा सकता है। इंकलाब जिंदाबाद।'

25 अगस्त से आमरण अनशन की तैयारी
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल आगामी 25 अगस्त से आमरण अनशन की तैयारी कर रहे हैं। तीन साल पहले अहमदाबाद के जिस जीएमडीसी मैदान पर लाखों पाटीदारों की मौजूदगी में महारैली का आयोजन किया गया था, उसी मैदान पर यह अनशन होना है। 

गौरतलब है कि बीते तीन साल में हार्दिक के अधिकांश साथी उनका साथ छोड़ चुके हैं, कुछ आंदोलनकारी कांग्रेस में तो कुछ भाजपा में शामिल हो चुके हैं जबकि दिलीप साबवा व अन्य अलग पाटीदार आरक्षण आंदोलन चला रहे हैं।


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