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विपक्ष को मजबूती देने फिर मुंबई आएंगे हार्दिक और जिग्नेश, पैदल मार्च में होंगे शामिल

जिग्नेश मेवाणी और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल 26 जनवरी को मुंबई आ सकते हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 16 Jan 2018 06:28 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2018 07:13 PM (IST)
विपक्ष को मजबूती देने फिर मुंबई आएंगे हार्दिक और जिग्नेश, पैदल मार्च में होंगे शामिल
विपक्ष को मजबूती देने फिर मुंबई आएंगे हार्दिक और जिग्नेश, पैदल मार्च में होंगे शामिल

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। गुजरात के नवनिर्वाचित दलित विधायक जिग्नेश मेवाणी और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल 26 जनवरी को मुंबई आ सकते हैं। गणतंत्र दिवस पर विपक्ष के संविधान बचाओ मार्च में दोनों नेता विशेष आकर्षण होंगे।

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गणतंत्र दिवस पर दक्षिण मुंबई में दो किलोमीटर लंबे पैदल मार्च का आयोजन होगा। यह मंत्रालय के पास स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा से शुरू होकर हुतात्मा चौक होते हुए गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचेगा। वहां छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने करीब दो घंटे मौन व्रत रखा जाएगा। इस मार्च के संयोजक स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता और सांसद राजू शेट्टी हैं।

दावा किया जा रहा है कि इस मार्च में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार, जनता दल (यू) से निष्कासित शरद यादव, माकपा नेता सीताराम येचुरी, भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर, नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला और महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी भी शामिल होंगे।

बता दें कि जिग्नेश के विरुद्ध 10 दिन पहले ही महाराष्ट्र में भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद मुंबई के एक कॉलेज में उनकी सभा की अनुमति रद कर दी गई थी। अभी यह कहा नहीं जा सकता कि मुंबई पुलिस उन्हें इस मार्च में शामिल होने की अनुमति देगी या नहीं। लेकिन रैली के संयोजक जिग्नेश और हार्दिक की मौजूदगी को लेकर आशान्वित हैं। शेट्टी ने पिछला विधानसभा और लोकसभा चुनाव राजग का हिस्सा बनकर लड़ा था। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद से ही उनका भाजपा से मोहभंग हो चुका है। दल के नेता सदाभाऊ खोत को राज्य मंत्रिमंडल में लिए जाने के बावजूद शेट्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुश नहीं हैं। अब वह संविधान बचाओ मार्च का आयोजन कर राजग सरकार के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत करना चाहते हैं।

शेट्टी फिलहाल इस मार्च को गैर राजनीतिक मोर्चा करार दे रहे हैं, जो केंद्र सरकार की संविधान में बदलाव की कोशिश के विरोध में है। लेकिन यदि इस मार्च में सभी घोषित नेता उपस्थित रहते हैं तो यह मंच विपक्ष की सियासी एकता का भी मंच बन सकता है। इसलिए शेट्टी इन नेताओं को बुलाकर महाराष्ट्र के थके-हारे नेताओं में जोश भी भरना चाहते हैं। संविधान बचाओ मार्च का नाम देकर बाबासाहब आंबेडकर और जिग्नेश मेवाणी जैसों एक साथ लाकर महाराष्ट्र की दलित शक्ति को भी संगठित कर राजग सरकार के विरुद्ध खड़ा करने का प्रयास किया जाएगा।

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