देश की अखंडता पर हमला कर राहुल गांधी ने लांघी लक्ष्मण रेखा: हरदीप पुरी
भाजपा ने राहुल गांधी को कांग्रेस के शासन में लगाए गए आपातकाल की फिर से याद दिलाते हुए संप्रग सरकार ने लाए गए कानून 66ए का भी हवाला दिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 66ए को जनता की बोलने की आजादी के खिलाफ बताते हुए इसे निरस्त कर दिया था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। छठे दिन भी संसद ठप होने के बावजूद भाजपा लंदन में दिये भाषण को लेकर राहुल गांधी की माफी से कम स्वीकार करने को तैयार नहीं है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने साफ किया कि राहुल गांधी ने लंदन के भाषण में देश की एकता और अखंडता पर हमला कर लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन किया है और इसके लिए उन्हें बिना लाग-लपेट के माफी मांगनी ही होगी।
हरदीप पुरी ने उठाया सवाल
इसके साथ ही हरदीप पुरी ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) की तारीफ करने को लेकर राहुल गांधी की समझदारी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बीआरआइ के तहत बन रहा चीन-पाकिस्तान इकोनामिक कोरिडोर गुलाम कश्मीर से होकर जाता है, जो भारत का अभिन्न हिस्सा है। ध्यान देने की बात है कि राहुल गांधी ने लंदन में अपने भाषणों में आरोप लगाया था कि मोदी सरकार के तहत भारत के मूल ढांचे पर हमला हो रहा है।
भाजपा ने किया पलटवार
भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए साफ किया कि असल में राहुल गांधी राज्यों के साथ केंद्र के संबंधों को लेकर नए सिरे से मोलभाव की बात कर देश को खंडित करने का प्रयास कर रहे हैं और यह भारत की मूल संरचना पर हमला है। उन्होंने कहा कि संविधान में भारत को राज्यों का संघ बताना यूरोपीय संघ जैसा नहीं है। यूरोपीय संघ को वहां के सार्वभौम देशों ने अपनी सुविधा के लिए खड़ा किया है। जबकि भारत में रजवाड़ों का समझौते के तहत विलय हुआ है। हरदीप पुरी ने सवाल किया कि राहुल गांधी किससे नए सिरे मोलभाव करने की बात कर रहे हैं। उनके अनुसार यह देश की मूल संरचना पर हमला है और राहुल गांधी ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी है, इसके लिए माफी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
सिखों के साथ भेदभाव के आरोपों पर हैरानी जताते हुए हरदीप पुरी ने कहा
भाजपा ने राहुल गांधी को कांग्रेस के शासन में लगाए गए आपातकाल की फिर से याद दिलाते हुए संप्रग सरकार ने लाए गए कानून 66ए का भी हवाला दिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 66ए को जनता की बोलने की आजादी के खिलाफ बताते हुए इसे निरस्त कर दिया था। हरदीप पुरी ने कहा कि 2009 में आइटी एक्ट में संशोधन कर लाये गये 66ए के तहत मैसेज या इमेल करने पर भी एफआरआर और गिरफ्तारी हो रही थी।
इसके बावजूद उल्टे मोदी सरकार ने बोलने की आजादी खत्म करने का लंदन में आरोप लगाते हैं। सिखों के साथ भेदभाव के आरोपों पर हैरानी जताते हुए हरदीप पुरी ने कहा कि एक सिख के रूप में उन्हें कभी भेदभाव का अनुभव नहीं किया।