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पाकिस्तान की जेल में बंद रहे अंसारी ने भावुक होकर कहा- मेरी मां जैसी थीं सुषमा स्वराज

एक ऐसी महिला जिन्होंने हमारे देश की बेहतरी के लिए कठिन परिश्रम किया। विदेशी धरती पर मुश्किल में फंसे किसी भी भारतीय को उन्होंने कभी अकेला नहीं महसूस होने दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 08:12 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 10:23 PM (IST)
पाकिस्तान की जेल में बंद रहे अंसारी ने भावुक होकर कहा- मेरी मां जैसी थीं सुषमा स्वराज
पाकिस्तान की जेल में बंद रहे अंसारी ने भावुक होकर कहा- मेरी मां जैसी थीं सुषमा स्वराज

मुंबई, प्रेट्र। जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में छह साल बिताकर भारत लौटे हामिद निहाल अंसारी (36) के लिए सुषमा स्वराज 'दूसरी मां' थीं। उनके निधन से हामिद बेहद व्यथित हैं।

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हामिद ने बताया, 'सुषमा जी की कोशिशों की वजह से ही मैं घर लौट सका। जब मुझे बाघा-अटारी बॉर्डर पर भारत के हवाले किया गया तो वहां मैं अपने माता-पिता से मिला, मेरी एक मां थीं। बाद में जब सुषमा जी से मिला और उन्होंने मुझे बेटा कहकर आत्मीयता से गले लगाया, मुझे हिम्मत बंधाई तो मुझे लगा कि मेरी एक और मां हैं। मैं अब इस क्षति को महसूस कर रहा हूं।'

सॉफ्टवेयर इंजीनियर से चमड़ा व्यवसायी बने हामिद से जब पूछा गया कि क्या सुषमा जी से उनकी बाद में और बातचीत हुई? इस पर हामिद ने कहा, 'इसकी जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि उन्होंने सारे इंतजाम कर दिए थे। उन्होंने हर चीज इतनी अच्छे से कर दी थी कि उनसे दोबारा संपर्क करने की कोई वजह ही नहीं थी।'

मालूम हो कि हामिद ऑनलाइन बनी एक महिला मित्र से मिलने पाकिस्तान गया था और वहां उसे जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। हामिद की मां फौजिया ने कहा, 'ऐसा लग रहा है कि हमारे सिरों के ऊपर से एक पेड़ की छांव हटा ली गई है। वह बहुत ही असाधारण नेता और महिला थीं।'

सुषमा के निधन से हैदराबाद की दो महिलाएं बेहद दुखी

सुषमा स्वराज के निधन से हैदराबाद में रहने वाली दो महिलाएं जैनब बी और अमीना बेगम बेहद व्यथित हैं। विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज की कोशिशों से ही दोनों खाड़ी देशों में दासता से मुक्त होकर भारत लौट सकी थीं।

आंसुओं से भरी आंखों से जैनब ने बताया, 'जब मुझे पता चला कि सुषमा जी नहीं रहीं, मैं पूरी रात सो नहीं सकी। यह मेरे लिए बेहद दुखद है। उन्होंने मेरी बहुत मदद की थी। मैं न तो कुछ खा पाई और न ही सो सकी। मुझे कोई उम्मीद नहीं थी कि मैं भारत लौट सकूंगी, लेकिन सिर्फ उनकी (सुषमा जी) कोशिशों की वजह से मैं भारत में अपने परिवार से मिल सकी।'

इसी तरह अमीना बेगम ने बताया, 'मैंने सुषमा जी से भारत लौटने में मदद करने की प्रार्थना की थी। उन्होंने मेरी बहुत मदद की और सऊदी अरब जाने के एक साल बाद 2018 में मैं भारत लौट सकी। उन्होंने मुझे उन अत्याचारों से बचा लिया जो वहां मुझ पर हो रहे थे। सुषमा जी के निधन से मैं बेहद व्यथित हूं। यह मेरे लिए बेहद निराशाजनक है। उन्होंने बहुत से लोगों की मदद की थी।'

अभिनेता करणवीर बोहरा ने भी पूर्व विदेश मंत्री की मदद को किया याद

टेलीविजन अभिनेता करणवीर बोहरा ने ट्विटर पर सुषमा स्वराज की मदद को याद किया जब उन्हें क्षतिग्रस्त पासपोर्ट की वजह से हिरासत में ले लिया गया था। उन्होंने लिखा, 'सुनकर धक्का लगा कि सुषमा जी नहीं रहीं। एक ऐसी महिला जिन्होंने हमारे देश की बेहतरी के लिए कठिन परिश्रम किया। विदेशी धरती पर मुश्किल में फंसे किसी भी भारतीय को उन्होंने कभी अकेला नहीं महसूस होने दिया। जैसे, अगर सुषमा जी नहीं होतीं तो मुझे रूस में कैद कर लिया जाता। सुषमा जी की आत्मा को शांति मिले। जह हिंद।'

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