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आरक्षण में सेंध की सुगबुगाहट पर गुर्जरों ने राजस्थान सरकार को चेताया

सरकार के इस निर्णय से गुर्जर समाज में काफी रोष है और सरकार ने इस पर कदम बढ़ाया तो समाज का रोष खुलकर सामने आएगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 08:43 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:45 PM (IST)
आरक्षण में सेंध की सुगबुगाहट पर गुर्जरों ने राजस्थान सरकार को चेताया
आरक्षण में सेंध की सुगबुगाहट पर गुर्जरों ने राजस्थान सरकार को चेताया

राज्य ब्यूरो, जयपुर। गुर्जरों सहित पांच घुमंतू और अर्ध घुमंतू जातियों के लिए आरक्षित पांच प्रतिशत कोटे में मुस्लिम मिरासी समाज की जातियों को शामिल करने के मामले में गुर्जर समाज ने राजस्थान सरकार को चेताते हुए सात दिन का समय दिया है। गुर्जर समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि ऐसी कोई भी कोशिश तुरंत रोकी जाए। उन्होंने कहा कि सात दिन बाद सरकार के रूख पर आगे का निर्णय किया जाएगा।

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गौरतलब है कि राजस्थान में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने हाल ही में गुर्जरों सहित पांच जातियों के पांच प्रतिशत के विशेष आरक्षित वर्ग में मुस्लिम मिरासी समाज की दस जातियों को शामिल करने के लिए जिलों से इनकी शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक स्थिति की जानकारी मांगी है।

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की आपात बैठक

सरकार की इस कवायद के बाद से गुर्जर समाज में आक्रोश है। इसी को लेकर शनिवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की आपात बैठक जयपुर में हुई। समिति के प्रवक्ता शैलेंद्र सिंह ने बताया कि बैठक में समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला सहित समाज के सभी प्रतिनिधियों का कहना था कि वे मुस्लिम मिरासी समाज के हितों के साथ हैं और यदि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में रहने के कारण उन्हें आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिला तो सरकार ओबीसी में बंटवारा करे या उन्हें अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करे, लेकिन गुर्जरों सहित पांच अति पिछड़ी जातियों के लिए तय किए गए पांच प्रतिशत आरक्षण में अब किसी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

रोष खुलकर आया सामने

सरकार के इस निर्णय से समाज में काफी रोष है और सरकार ने इस पर कदम बढ़ाया तो समाज का रोष खुलकर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में सरकार से इस विषय में स्थिति स्पष्ट करने और ऐसी किसी भी कोशिश को रोकने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। सरकार ने कोई सकारात्मक निर्णय नहीं किया तो समाज आगे कोई भी फैसला कर सकता है।


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