Gujarat Election Results 2017: सुर्खियों में रहीं ये विधानसभा सीट, जानें कौन जीता
चुनाव की तैयारियों से लेकर मतदान तक और अब परिणाम के वक्त में गुजरात की कुछ विधानसभा सीटें ऐसी रहीं जिसपर सभी की नजरें टिकी हुई थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम कुछ ही देर में आने वाले हैं। चुनाव की तैयारियों से लेकर मतदान तक और अब परिणाम के वक्त में गुजरात की कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिसपर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। इन सीटों से जुड़े कुछ मुद्दे और यहां से चुनाव में ताल ठोकने वाले नेताओं की वजह से इनके परिणामों को खास बनाते हैं। आइये आपको बताते हैं इन सीटों के बारे में।
मणिनगर विधानसभा सीट
भाजपा के सुरेश पटेल ने दर्ज की जीत...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। वे यहीं से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 1990 से लगातार इस सीट पर भगवा कब्जा रहा है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में यहां भाजपा के उम्मीदवार सुरेशभाई धनजीभाई पटेल जीते। इस बार भी भाजपा की ओर से सुरेशभाई ही मैदान में हैं। कांग्रेस की ओर से श्वेता ब्रह्मभट्ट मैदान में हैं।
राजकोट पश्चिम
विजय रूपाणी जीते....
राजकोट पश्चिम गुजरात की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी यहां से भाजपा प्रत्याशी हैं। यहां भी लंबे समय से भाजपा का कब्जा है। यहां पाटीदारों की संख्या ज्यादा है। जिस ओर पाटीदार जाते हैं, जीत उसकी ही होती है। कांग्रेस की तरफ से इंद्रनील राज्यगुरु यहां मैदान में हैं। इस सीट की खास बात यह है कि 2002 में नरेंद्र मोदी ने अपना पहला चुनाव यहीं से लड़ा था।
सूरत
सूरत में 12 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से कई सीटें चर्चा में हैं। लिंबायत से चुनाव लड़ रही विधायक संगीता पाटिल ने घोडे़ पर सवार होकर झांसी की रानी के वेश मे नामांकन पत्र भारा था। वे उर्दू पत्र को लेकर भी चर्चा में रही हैं। मजूरा से सबसे युवा विधायक हर्ष संघवी मैदान में हैं। वराछा में नामांकन के दौरान सबसे बड़ी रैली निकालकर कुमार कानाणी चर्चाओं में आए थे। सूरत को 2015 में हुए नगर निगम चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। नगर निगम चुनावों में कांग्रेस को यहां 36 सीटों पर जीत मिली थी। ऐसा 25 साल बाद हुआ था। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने यहां कई विधानसभा सीटों पर रैलियां की हैं।
वडगाम
निर्दलीय जिग्नेश मेवाणी जीते.....
यहां से 12 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई है। इन प्रत्याशियों में दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की चर्चा जोरों पर है। जिग्नेश मेवाणी निर्दलीय चुनाव लड़े हैं। भाजपा की तरफ से यहां विजय चक्रवर्ती मैदान में हैं। वडगाम को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। लेकिन इस बार कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।
विरमगाम
कांग्रेस के लाखा भाई भारवाड जीते...
उत्तर गुजरात की विरमगाम विधानसभा सीट हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर का गृहनगर है। यहां से डॉक्टर तेजश्री पटेल 2012 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंची थीं। बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। इस बार भी भाजपा ने तेजश्री को ही मैदान में उतारा है।
राधनपुर
कांग्रेस के अल्पेश ठाकोर जीते....
ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर यहां से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। भाजपा की ओर से ओबीसी प्रत्याशी लविंग जी ठाकोर हैं।
पोरबंदर
भाजपा के बाबू बोखीरिया जीते....
यहां से रुपाणी कैबिनेट के सदस्य बाबू बोखीरिया मैदान में हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस के दिग्गज अर्जुन मोढ़वाडिया हैं जो पिछला चुनाव बोखीरिया से हार गए थे। 50 करोड़ की लाइम स्टोन चोरी मामले में बोखीरिया को 3 साल की सजा सुनाई गई थी, जिस पर हाईकोर्ट की रोक है।
भावनगर वेस्ट
भाजपा के जीतू वाघाणी जीते....
यहां से भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघाणी मैदान में हैं, शुरुआत में उनके खिलाफ करडिया राजपूतों के विरोध के चलते उनकी इस सीट पर दावेदारी को कठिन चुनौती माना जा रहा था। जामनगर की तीन सीटों पर राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेता मैदान में हैं। कांग्रेस ने उनके खिलाफ दमदार उम्मीदवार उतारे हैं, दल बदल करने से इनकी छवि पर भी असर पडा है। जामनगर दक्षिण से भाजपा के पूर्व अध्यक्ष आर सी फलदू मैदान में हैं, पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की करीबी वसुबेन त्रिवेदी का यहां टिकट काटकर फलदू को मैदान में उतारा गया है।
मांडवी
कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल जीते....
यहां से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिग्गज वकील शक्तिसिंह गोहिल चुनाव लड रहे हैं। गत उपचुनाव में अबडासा से विधायक चुने गए, लेकिन इस बार उन्होंने सीट बदल ली। धोराजी से पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथी ललित वसोया कांग्रेस प्रत्याशी हैं, यह सीट भाजपा सांसद व दबंग नेता विट्ठल रादडिया के दबदबे वाली है, इसमें वसोया की जीत राजकोट की राजनीति में समीकरण बदल सकती है।
कुतियाणा सीट
निर्दलीय कांधल भाई ने दर्ज की जीत...
यहां गॉड मदर संतोकबेन जाडेजा का विधायक बेटा कांधल मैदान में है, जबकि गोंडल से भाजपा विधायक जयराजसिंह जाडेजा की पत्नी गीता बा चुनाव लड रही हैं। जयराज पर हत्या का आरोप है, उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक के साथ जाडेजा को गुजरात आने की मोहलत दे दी है।