तीन पर लाई जा सकती है जीएसटी में स्लैब की संख्या
पीएम मोदी ने कहा, 'दरों में कटौती का फैसला केवल भाजपा सरकार से जुड़ा नहीं है। इस पर काउंसिल ने फैसला किया है, जिसमें कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारें भी शामिल हैं।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत दरों की संख्या पांच से घटाकर तीन की जा सकती है। जीएसटी पर गठित मंत्रिसमूह के अध्यक्ष एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक साक्षात्कार में यह बात कही। अभी जीएसटी में शून्य, पांच, 12, 18 और 28 फीसद की स्लैब हैं।
मोदी ने कहा कि जीएसटी में दरों की संख्या घटाने की योजना है, लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा, क्योंकि यह राज्यों के राजस्व से जुड़ा मामला है। 88 वस्तुओं पर जीएसटी की दर में कटौती पहले नहीं करने को लेकर उठाए गए पी. चिदंबरम के सवाल पर मोदी ने कहा, 'दरों में कटौती का फैसला केवल भाजपा सरकार से जुड़ा नहीं है। इस पर काउंसिल ने फैसला किया है, जिसमें कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारें भी शामिल हैं।
जीएसटी लागू होने के बाद पहला उद्देश्य कर संग्रह में स्थिरता लाना था। धीरे-धीरे दरों में बदलाव का फैसला हो रहा है।' जीएसटी काउंसिल की शनिवार को हुई बैठक में 88 वस्तुओं पर जीएसटी की दर घटाने का फैसला किया गया। कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह फैसला 2017 में ही क्यों नहीं ले लिया गया।
इस बीच, उद्योग जगत ने दरों में कटौती और छोटे दुकानदारों को तिमाही रिटर्न की सुविधा के कदमों का स्वागत किया है। जीएसटी काउंसिल ने पांच करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को तिमाही रिटर्न की अनुमति दी है। अब तक यह सीमा 1.5 करोड़ रुपये थी।
कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि कारोबारियों के लिहाज से यह बहुत बड़ा कदम है। उद्योग संगठन फिक्की के प्रेसिडेंट रशेष शाह ने कहा कि रिटर्न फाइलिंग को आसान करने और छोटे कारोबारियों के हितों को ध्यान में रखकर किए गए फैसले उल्लेखनीय हैं। फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) ने सैनिटरी नैपकिन को जीएसटी से बाहर करने के फैसले का स्वागत किया है।