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जीएसटी संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित

गोयल ने कहा कि टैक्स की दर कम रहने पर जीएसटी का अनुपालन सुधरेगा और राजस्व में वृद्धि होगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 10:37 PM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 10:37 PM (IST)
जीएसटी संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित
जीएसटी संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कर संग्रह बढ़ने पर आने वाले दिनों में कुछ और वस्तुओं व सेवाओं पर जीएसटी की दरें कम हो सकती हैं। दरें कम करने से अनुपालन में सुधार होगा, इसलिए राजस्व संग्रह में कमी नहीं आएगी।

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कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को लोक सभा में जीएसटी कानूनों में संशोधन के लिए लाए गए विधेयकों पर चर्चा के जवाब में यह बात कही। इसके बाद लोक सभा ने 'केंद्रीय जीएसटी संशोधन विधेयक', 'समेकित जीएसटी संशोधन विधेयक', 'जीएसटी राज्यों को क्षतिपूर्ति संशोधन विधेयक' और 'संघीय क्षेत्र जीएसटी संशोधन विधेयक' को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

गोयल ने कहा कि टैक्स की दर कम रहने पर जीएसटी का अनुपालन सुधरेगा और राजस्व में वृद्धि होगी। उन्होंने इस संबंध में उन सदस्यों की आशंका को खारिज किया, जिन्होंने जीएसटी की दरें कम होने से राजस्व पर नकारात्मक असर पड़ने की चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि पहली जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद से बीते एक साल में 400 वस्तुओं और 68 सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटाई जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राजस्व संग्रह बढ़ने पर जीएसटी की दरों में और कटौती की जा सकेगी।

गोयल ने जीएसटी का हवाला देते हुए कहा कि सरकार गुड और सिंपल टैक्स के जरिये सवा सौ करोड़ लोगों को सशक्त बनाने की कोशिश कर रही है। टैक्सटाइल क्षेत्र के समक्ष आ रही दिक्कतों पर उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने इस क्षेत्र की अधिकांश समस्याओं को हल कर दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद टैक्सटाइल सस्ता हो गया है।

चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली इस सरकार को नहीं मालूम कि जीएसटी का क्रियान्वयन किस तरह किया जाए। जीएसटी के त्रुटिपूर्ण क्रियान्वयन के चलते तमिलनाडु में ही 50,000 एमएसएमई यूनिटें बंद हो गई हैं।

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय ने कहा कि हाल में 100 वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दर में कटौती चुनाव पूर्व तोहफा थी। इससे सरकार के खजाने पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का बोझ आएगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को यह बताना चाहिए कि यह पैसा कहां से आएगा, लेकिन वह तो सदन में ही नहीं है। इस पर भाजपा के सदस्यों ने जवाब दिया कि गोयल राज्य सभा में एक विधेयक पर मतदान के लिए गए हैं। इस पर राय ने जवाब देते हुए कहा कि इसीलिए तो वह कहते हैं कि वित्त मंत्री लोक सभा से होना चाहिए। बीजद के सदस्यों ने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि सरकार को जीएसटी भुगतान की प्रक्रिया सरल बनानी चाहिए।

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