नेट न्यूट्रैलिटी नियमों के साथ टेलीकॉम लाइसेंस के संशोधन में जुटी सरकार: मनोज सिन्हा
टेलीकॉम विभाग ने टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की सिफारिश के आधार पर नेट न्यूट्रैलिटी के लिए कारगर कदम बढ़ा दिया है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। देश में नेट न्यूट्रैलिटी को लागू करने के लिए सरकार की ओर से नियमों को बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इससे इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा इंटरनेट सामग्री उपलब्ध कराने से लेकर इंटरनेट स्पीड तक में भेदभाव करने पर रोक लग जाएगी। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने राज्यसभा में बताया, ‘नेट न्यूट्रैलिटी के लिए रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क बनाने की प्रक्रिया सरकार द्वारा शुरू कर दी गई है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ भारत में इंटरनेट सेवाओं के प्रावधान को नियंत्रित करने वाले विभिन्न लाइसेंस समझौते की शर्तों में संशोधन शामिल है।'
टेलीकॉम विभाग में शीर्ष निर्णय बनाने वाले टेलीकॉम कमिशन ने नेट न्यूट्रैलिटी के लागू करने को मंजूरी दे दी थी। टेलीकॉम कमीशन को 11 जुलाई को मामूली संशोधन के साथ टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की ओर से यह सुझाव दिया गया था।
ट्राई की ओर से सेवा प्रदाताओं को ऐसे समझौते से मना किया गया जो इंटरनेट सामग्री में भेदभाव का कारण बने। दूरसंचार विभाग को सरकारी प्रतिनिधियों, IoT प्रदाताओं, दूरसंचार ऑपरेटरों, नागरिक समाज के सदस्यों और उपभोक्ता संगठनों सहित नेट न्यूट्रैलिटी की मॉनिटरिंग और प्रवर्तन के लिए एक कमिटी बनानी होगी। मनोज सिन्हा ने आगे कहा, ‘सरकार नेट न्यूट्रैलिटी के मौलिक सिद्धांतों और अवधारणा के प्रति प्रतिबद्ध है और देश के सभी नागरिकों तक बिना किसी भेदभाव के इंटरनेट सेवा पहुंचाने का प्रयास करती है।'