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कश्मीर व नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनाती पर अर्धसैनिक बलों को मिलेगा ज्यादा भत्ता

पुलवामा हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह आदेश सभी छह अर्धसैनिक बलों सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सीआइएसएफ सीआरपीएफ आइटीबीपी एसएसबी और असम राइफल्स पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 09:59 PM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 09:59 PM (IST)
कश्मीर व नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनाती पर अर्धसैनिक बलों को मिलेगा ज्यादा भत्ता
कश्मीर व नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनाती पर अर्धसैनिक बलों को मिलेगा ज्यादा भत्ता

नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। केंद्र सरकार ने आतंक प्रभावित संवेदनशील क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों और अफसरों के खतरे और कठिनाई भत्ता को बढ़ाने का फैसला किया है। इन इलाकों में तैनात इंस्पेक्टर रैंक तक के जवानों के खतरे और कठिनाई भत्ते को प्रति महीने 7,600 रुपये बढ़ाया गया है। वहीं इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर के केंद्रीय पुलिस बलों के अफसरों का ये भत्ता प्रति महीने 8100 रुपये प्रति महीना बढ़ाने का फैसला किया गया है।

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पुलवामा हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह आदेश सभी छह अर्धसैनिक बलों सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सीआइएसएफ, सीआरपीएफ, आइटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा। अब इंस्पेक्टर रैंक तक के केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को 9,700 रुपये से बढ़ाकर 17,300 रुपये प्रति महीने और इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर तक के अफसरों को 16,900 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रति महीने खतरा और कठिनाई भत्ता मिलेगा। दो साल बाद इसमें बढ़ोतरी हुई है।

आतंकवाद प्रभावित दक्षिण कश्मीर के बडगाम, पुलवामा, अनंतनाग, बारामुला और कुपवाड़ा जैसे क्षेत्रों में तैनात अर्धसैनिक बलों को यह भत्ता मिलेगा। इसमें नए क्षेत्र कुलगाम, शोपियां, किश्तवाड़, डोडा, रामबन और उधमपुर और तेलंगाना के एक जिले को भी शामिल किया गया है। जम्मू-कश्मीर में कुछ नए इलाके जोड़ने के बाद जम्मू के करीब अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे कुछ इलाकों को छोड़कर समूचा जम्मू-कश्मीर इस भत्ते के दायरे में आ गया है। इसके अलावा, नक्सल प्रभावित जिले जैसे सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर (छत्तीसगढ़), लातेहार (झारखंड), गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) और मलकानगिरी (ओडिशा) को भी इस दायरे में रखा गया है।

सीआरपीएफ के अनुसार इस फैसले से नक्सल प्रभावित राज्यों और जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ के 88,000 से अधिक जवानों और अफसरों को फायदा मिलेगा। हाल में गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जम्मू-कश्मीर में तैनाती पर हवाई सफर अनिवार्य करने का फैसला लिया था।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार का ये फैसला विगत 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी हमले के बाद आया है। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।


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