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वाट्सएप, फेसबुक सरीखे एप ब्लॉक करने की संभावना तलाश रही सरकार

सरकार मान रही है कि बीते कुछ समय से देश में अफवाहों को फैलाने में वाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मंचों का इस्तेमाल किया जाता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 06 Aug 2018 07:38 PM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 11:22 AM (IST)
वाट्सएप, फेसबुक सरीखे एप ब्लॉक करने की संभावना तलाश रही सरकार
वाट्सएप, फेसबुक सरीखे एप ब्लॉक करने की संभावना तलाश रही सरकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर सरकार वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम समेत सभी तरह के मोबाइल एप को ब्लॉक करने की संभावनाएं तलाश रही है। इसका रास्ता तलाशने के लिए सरकार ने टेलीकॉम ऑपरेटरों और इंटरनेट सर्विस प्रदाता (आइएसपी) कंपनियों से तकनीकी जानकारी देने को कहा है। इस संबंध में दूरसंचार विभाग ने सभी संबंधित पक्षों को पत्र लिखा है।

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सरकार मान रही है कि बीते कुछ समय से देश में अफवाहों को फैलाने में वाट्सएप और फेसबुक जैसे सोशल मंचों का इस्तेमाल किया जाता है। सरकार काफी समय से इन सोशल मंचों के जरिये अफवाहों को रोकने का प्रयास कर रही है। इस संबंध में फेसबुक और वाट्सएप को सरकार नोटिस भी दे चुकी है। लेकिन साथ ही सरकार इस बात की संभावनाएं भी तलाश रही है कि इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होने पर इंटरनेट पर इन मोबाइल एप का संचालन कैसे बंद किया जा सकता है।

पिछले महीने की 18 तारीख को दूरसंचार विभाग ने इन सभी ऑपरेटरों को एक पत्र लिखकर आइटी अधिनियम की धारा 69ए के नियमों के तहत इन एप्स को ब्लॉक करने पर अपनी राय देने को कहा है। अपने पत्र में दूरसंचार विभाग ने कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पुलिस व अन्य जांच एजेंसियों ने कुछ मोबाइल एप को ब्लॉक करने की बात उठायी है।

चार जुलाई को हुई ऐसी एक बैठक का हवाला देते हुए दूरसंचार विभाग ने सभी ऑपरेटरों और एसोसिएशनों से तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।आइटी अधिनियम की धारा 69ए सरकार को यह अधिकार देती है कि वह राष्ट्रहित में इंटरनेट पर प्रसारित होने वाली सूचनाओं को ब्लॉक करने के निर्देश दे सकती है। सरकार खासतौर पर वाट्सएप के उपयोग को लेकर चिंतित है क्योंकि इससे अफवाहें फैलने में बेहद कम समय लगता है। हालांकि वाट्सएप ने पिछले दिनों कुछ कदम उठाकर अपने संदेशों को फारवर्ड करने की सुविधा को सीमित कर दिया है। लेकिन उसने संदेश के स्त्रोत का पता लगाने की कार्रवाई पर अपनी असहमति जता दी है।

एसोचैम ने कहा, देश की प्रतिष्ठा धूमिल होगी
दूरसंचार विभाग की इस पहल को उद्योग जगत से जुड़े संगठन एसोचैम ने अतिवादी, अनावश्यक और देश की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला करार दिया है।


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