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स्वतंत्रता दिवस पर देश में न दिखें प्लास्टिक के झंडे, सरकार ने बताई ये वजह

देश के महत्वपूर्ण समारोहों और आयोजनों के दौरान कागज के बने तिरंगे की बजाए प्लास्टिक के बने तिरंगे का इस्तेमाल किया जाता है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 04:22 PM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 12:13 AM (IST)
स्वतंत्रता दिवस पर देश में न दिखें प्लास्टिक के झंडे, सरकार ने बताई ये वजह
स्वतंत्रता दिवस पर देश में न दिखें प्लास्टिक के झंडे, सरकार ने बताई ये वजह

नई दिल्ली, पीटीआई। सरकार ने स्वतंत्रता दिवस से पहले सभी नागरिकों को प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है। वहीं राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से ध्वज संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चत करने को कहा है।

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राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजी एडवाइजरी में गृह मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज भारत की जनता की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इसे सम्मान का दर्जा मिलना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि उसके संज्ञान में आया है कि महत्वपूर्ण समारोहों में प्लास्टिक के बने तिरंगों का इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि इस प्रकार के झंडे प्राकृतिक तरीके से नष्ट नहीं होते हैं, इसलिए इनका प्रयोग नहीं करें।

'राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971' की धारा दो के अनुसार अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज के प्रति असम्मान प्रकट करता है तो उसे जेल की सजा दी जा सकती है। यह सजा तीन साल तक की हो सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों तरह से ही दंडित किया जा सकता है। एडवाइजरी में कहा गया है कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों पर 'भारत की ध्वज संहिता, 2002' के प्रावधानों के अनुसार, आम जनता को केवल कागज के बने झंडों का इस्तेमाल करना चाहिए और समारोह के बाद इस तरह के कागज के झंडों को जमीन पर नहीं फेंका जाना चाहिए।


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